नैनीताल : उत्तराखंड में 2022 को चुनाव होने हैं ऐसे में भाजपा समेत विपक्षी पार्टियां तैयारियों में जुट गई है। इस बीच मंत्री विधायकों का दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। भाजपा और कांग्रेस ने तो विपक्षी पार्टियों के मंत्री नेताओं के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।। बीते दिन ही कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे कांग्रेस में शामिल हुए तो वहीं इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जागेश्वर विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने बयान से भाजपा की नींद उड़ा दी है।
उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में 6 भाजपा के विधायक कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर है और बहुमत से सरकार बनेगी। कुंजवाल के बयान के बाद से उत्तराखंड की राजनीति में खलबली मच गई है। रविवार को पत्रकार वार्ता में जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि कुमांऊ और गढ़वाल क्षेत्र के 6 विधायक उनके संपर्क में है जिनसे बात चल रही है। सभी भाजपा की नीतियों से त्रस्त हैं। जल्द ही वह कांग्रेस पार्टी का दामन थामेंगे।
वहीं मीडिया द्वारा नाम पूछने पर उन्होंने कहा कि सारी चीजें बताई नही जा सकती है। कुछ दिनों में आपको खुद ही पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भाजपा के कई कार्यकर्ता लगातार पार्टी से जुड़ रहे हैं। कुंजवाल ने सरकार की नीतियों पर भी तंज कसा। कहा डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी विकास नही हो पाए। आज प्रदेश की जनता मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। जो विकास के कार्य कांग्रेस सरकार में हुए थे। उनको भी आगे नही बढ़ा पाई। आज कांग्रेस की ओर प्रदेश की जनता उम्मीदों से देख रही है। भाजपा को वह सबक सीखाने को तैयार है।
इन दिनों उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपना कुनबा बढ़ाने में जुटे हुए हैं। सबसे पहले निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद पुरोला से कांग्रेस के विधायक रहे राजकुमार ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ चल दिए। इससे कांग्रेस को झटका लगा था।
इसके बाद कांग्रेस ने भी पलटवार रकिया और भाजपा सरकार में मंत्री यशपाल आर्य ने अपने विधायक बेटे के साथ भाजपा का साथ छोड़ दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया। बता दें कि यशपाल आर्य पहले भी कांग्रेस में ही थे, लेकिन साल 2017 में कांग्रेस से नाराजगी के चलते उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी। अब ठीक चुनाव से पहले उन्होंने घर वापसी की। आर्य का कहना था कि वे भाजपा की विचारधारा में ढल नहीं पाए थे। इसलिए भाजपा का साथ छोड़ वो कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि अब वह एकबार फिर अपने परिवार के साथ हैं और इससे अपने पार्टी को मजबूती मिलेगी।