पिथौरागढ़ : नए साल के जश्न के लिए उत्तराखंड की पहाड़ियां तैयार है बर्फ के साथ. जी हां अगर आप भी उत्तराखंड में नए साल का जश्न मनाने आ रहे हैं और बर्फ का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो आप पिथौरागढ़ समेत मुनस्यारी, औली,चोपता का रुख करें।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के पहा़ड़ी क्षेत्रों में इस समय बर्फ की सफेद चादर ढकी हुई है। नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटक बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं। मध्य से उच्च हिमालय तक तीन दिन बाद धूप खिलने से सीमांतवासियों को राहत मिली है। बता दें कि नए साल के जश्न के लिए अगर बर्फबारी का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो धारचूला की व्यास घाटी में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग में 5 फीट बर्फ गिरी, कालापानी में 3 फीट, गुंजी, नाबी, रोगकोंग में 2 से ढाई फीट, अंतिम भारतीय गांव कुटी में 4 फीट से अधिक और आदि कैलास क्षेत्र के ज्योलिंगकोंग में पांच फीट से अधिक बर्फ गिरी है
आपको बता दें कि दारमा घाटी में भी 2 से लेकर 5 फीट से अधिक हिमपात हुआ है। मुनस्यारी में खलिया से लेकर पातलथौड़ तक बर्फ जमी है। थल -मुनस्यारी मार्ग पर रातापानी से मुनस्यारी तक मार्ग से बर्फ हटा दी गई है। बर्फ देखने बाहर से आने वाले पर्यटकों की भीड़ जमा हो रही है। होटल एसोसिएशन के अनुसार 6 हजार पर्यटक पहुंच चुके हैं। देर रात तक पर्यटकों के पहुंचने की संभावना है।नामिक, रालम में भी भारी हिमपात हुआ है।
शुक्रवार तक मुनस्यारी में 8000 पर्यटकों के पहुंचने की संभावना है। पर्यटकों की पहली पसंद पातलथौड़ से खलिया तक ट्रैकिंग है। मुनस्यारी पहुंचते ही पर्यटक खलिया रवाना हो रहे हैं। खलिया के भुजानी स्थित पर्यटक आवास गृह पूरा भर चुका है। पर्यटकों में बर्फ देखने का उत्साह बना हुआ है। धूप खिलने के बाद भी तापमान में गिरावट है। चौकोड़ी, पातालभुवनेश्वर, पिथौरागढ़ में भी पर्यटक पहुंचे हैं।