असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा की खबर सामने आई है। असम पुलिस ने जानकारी दी है कि दोनों राज्यों की सीमा पर मिजोरम से आए कुछ अराजक तत्वों ने पथराव और फायरिंग की है। इस मामले पर दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। दोनों ने ही गृह मंत्री अमित शाह से दखल की मांग की है।
असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने मिजोरम के मुख्यमंत्री को ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय जोरमथंगा जी, कोलासिब (मिजोरम) के एसपी ने हमसे कहा है कि जब तक हम अपनी पोस्ट से पीछे नहीं हट जाते तब तक उनके नागरिक सुनेंगे नहीं और हिंसा नहीं रोकेंगे। ऐसे हालात में सरकार कैसे चला सकते हैं?
ट्वीट के जवाब में जोरमथंगा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हिमंत जी, अमित शाह जी ने दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ एक निर्णायक बैठक की थी। उसके बाद आश्चर्यजनक रूप से आज मिजोरम में वेरिंगटे ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास असम पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ आईं और वहां मौजूद नागरिकों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया। उन्होंने सीआरपीएफ और मिजोरम पुलिस के जवानों को भी भगा दिया।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि मैंने अभी अभी मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा जी से बात की है। मैंने दोहराया है कि असम हमारे राज्य की सीमाओं के बीच यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि मैंने आइजोल जाने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से बात की और उनसे सीमा मुद्दे को हल करने को कहा। दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे को सुलझाने और शांति बनाए रखने पर सहमति जताई है। दोनों राज्यों के पुलिस बल विवादित स्थल से लौटे हैं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
ये है विवाद
राज्यों के बीच तनाव तब पैदा हुआ जब असम पुलिस ने राज्य की जमीन को कब्जे में लेने के लिए सीमा पर कथित तौर पर अतिक्रमण करना शुरू किया। 10 जुलाई को जब असम सरकार की टीम मौके पर गई तो उस पर अज्ञात लोगों ने बम से हमला कर दिया।