देश में कोरोना का खतरा दिन बा दिन बढ़ता जा रहा है। भारत में बीते 24 घंटे में 1 लाख 45 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं 794 लोगों की मौत हुई है। एक बार फिर से सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। लोग लापरवाह हो चलें हैं। मास्क लगाना भूल गए हैं। वहीं इस बीच कोरोना से बचने के लिए कई रिसर्च किए जा रहे हैं। लंदन में चल रही एक नए शोध में संभावना जताई गई है कि धूप में ज्यादा वक्त बिताने से कोरोना वायरस से मौत होने का खतरा कम हो जाता है।
शोध में खुलासा
लंदन में चल रहे एक शोध के अनुसार धूप में ज्यादा देर रहने से कोरोना वायरस से मौत की संभावना कम होने की आशंका है। शोध के अनुसार ज्यादा देर सूरज की रोशनी में सूरज की गर्मी रहने से, खासकर अल्ट्रावॉइटल किरणों का सम्पर्कोरोना वायरस से होने वाली कम मौतों को लेकर है। ये स्टडी ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। जिसमें कहा गया है कि अभी रिसर्च जारी है और इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि धूप में ज्यादा वक्त बिताने से कोरोना वायरस से मौत का खतरा कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार अगर धूप और कोरोना वायरस का कनेक्शन बैठ जाता है तो लोगों की जान बचाने में ये बेहद मददगार साबित होगा। ब्रिटिश ‘जर्नल ऑफ डर्मटॉलजी’ में छटी स्टडी के मुकाबिक ये शोध अमेरिकी महाद्वीप में जनवरी से अप्रैल 2020 के बीच हुई मौतों के साथ उस दौरान 2474 काउंटी में अल्ट्रावॉइलट स्तर पर तुलना की गई है। रिसर्च टीम ने पाया है कि अल्ट्रावॉइलट किरण के उच्च स्तर वाले इलाकों में कोरोना वायरस से लोगों की कम मौते हुई हैं।रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक इंग्लैंड और इटली में भी इसी तरह के स्टडी किए गये हैं। रिसर्चर्स ने इंग्लैंड और इटली में उम्र, समुदाय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, एयर पॉल्यूशन, उस इलाके का तापमान और स्थानीय इलाके में फैले संक्रमण के स्तर को ध्यान में रखते हुए लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर रिसर्च किया है। स्टडी के मुताबिक धूप में ज्यादा वक्त बिताने से त्वचा से नाइट्रिक ऑक्साइड बाहर निकल जाता है, जिसके बाद कोरोना वायरस की क्षमता शरीर में फैलने की शायद कम हो जाता है और फिर उससे मौत होने की संभावना भी कम हो जाती है।