पौड़ी गढ़वाल : उत्तराखंडियों का हल ओऱ बोल बाला है। चाहे भारतीय सेना हो या बीएसएफ, आईटीबीपी हो या फिर वायु सेना..हर ओर उत्तराखंडियों ने परचम लहराया और दुश्मनों के छक्के छुड़ाए। कई उत्तराखंड के जवानों ने सीमा पर अपनी शहादत दी और कइयों ने बहादुरी से दुश्मनों का सामना किया और देश की रक्षा की। इनमे से एक है डिप्टी कमांडेंट अनूप सिंह रावत.. जीहां आज गणतंत्र दिवस के मौके पर अनूप सिंह रावत को राष्ट्रपति द्वारा सराहनीय सेवा के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। अनूप का जन्म पौड़ी गढ़वाल के ग्राम रिंगवाड़ी मथाणा में हुआ है। स्थानीय स्कूल से प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से बीकॉम किया और बीएसएफ में भर्ती हुए।
आपको बता दें कि अनूप हमेशा से ही खेलकूद में आगे रहते थे। अनूप रावत दौड़ने में काफी माहिर थे। अनूप राज्य स्तरीय एथलीट थे। उनका ज्यादातर समय उग्रवाद और अलगाववाद विरोधी अभियान में गुजरा है। 1988-90 के बीच पंजाब में उग्रवाद के खिलाफ कई ऑपरेशन में उन्होंने हिस्सा लिया। वहीं कश्मीर में भी वह 1990-97 तक विभिन्न ऑपरेशन का हिस्सा रहे हैं। 1996 में कश्मीर घाटी में एक बड़े ऑपरेशन के दौरान दो आतंकियों को मार गिराने पर उन्हें राष्ट्रपति द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक से नवाजा जा चुका है।
2004-2017 के बीच भी उन्होंने कश्मीर घाटी व जम्मू बॉर्डर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय सेवा की। 2017 से वह गृह मंत्रालय में सेवा दे रहे हैं। उनकी उत्कर्ष सेवा, इमानदारी, प्रतिभा और साहस को देखते हुए उन्हें सराहनीय सेवा के लिए पदक दिया जा रहा है।