72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ नई दिल्ली में उत्तराखंड राज्य की ओर से ‘केदारखंड’ की झांकी प्रदर्शित की गई थी। बता दें कि उत्तराखंड की झांकी तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। पहले स्थान पर उत्तरप्रदेश की झांकी रही वहीं दूसरे स्थान पर ओडिशा की झांकी रही। पिछले साल राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों में असम की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी घोषित किया गया… विशेष शिल्प कौशल और संस्कृति विषय पर आधारित असम की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार मिला. जबकि दूसरे स्थान पर ओडिशा और उत्तर प्रदेश की झांकी रही.वहीं इस बार यूपी को पहला स्थान प्राप्त हुआ और ओडिशा को दूसरा जबकि तीसरे स्थान पर उत्तराखंड रहा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ मंदिर और कस्तूरी मृग की झलक देखने को मिली। उत्तराखंड सूचना विभाग के उपनिदेशक/झांकी के टीम लीडर केएस चौहान के नेतृत्व में 12 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया। झांकी का थीम सांग ‘जय जय केदारा’ है। झांकी के अग्रभाग में उत्तराखंड का राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग’ दर्शाया गया है, जो उत्तराखंड के वनाच्छादित हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसी प्रकार से उत्तराखंड का राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ दिखाया गया है, जो केदारखंड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। झांकी के मध्य भाग में भगवान शिव के वाहन नंदी को दर्शाया गया है तथा साथ में केदारनाथ धाम में यात्रियों को यात्रा करते हुए तथा श्रद्धालु को भक्ति में लीन दर्शाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा केदार का भव्य मंदिर दर्शाया गया है।जिसका जीर्णोद्धार आदिगुरू शंकराचार्य ने कराया था तथा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को दर्शाया गया है। साथ ही केदारनाथ मंदिर को ठीक पीछे विशालकाय दिव्य शिला को दर्शाया गया है। इसी दिव्य शिला की वजह से वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ मंदिर सुरक्षित रहा था।
गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की ‘केदारखण्ड’ झांकी को तीसरे स्थान के लिये पुरस्कृत किया गया है। नई दिल्ल स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह पुरस्कार प्रदान किया।उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि और टीम लीडर केएस चौहान ने राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया। राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड द्वारा अनेक बार प्रतिभाग किया गया परंतु यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड की झांकी को पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर इसे पहले से भी अधिक भव्य रूप प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए सचिव सूचना दिलीप जावलकर, सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, टीम लीडर व उपनिदेशक सूचनाकेएस चौहान और झांकी बनाने वाले कलाकारों तथा झांकी में सम्मलित सभी कलाकारों को बधाई दी है।
गणतंत्र दिवस परेड-2021 समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी में सम्मिलित होने वाले कलाकारों में झांकी निर्माता सविना जेटली, मोहन चन्द्र पाण्डेय, विशाल कुमार, दीपक सिंह,देवेश पन्त, वरूण कुमार, अजय कुमार, रेनू, कु. नीरू बोरा, कु. दिव्या, कु. नीलम और कु. अंकिता नेगी शामिल थे।