रुद्रप्रयाग : 8 साल पुराने मामले में वन मंत्री हरक सिंह रावत को अदालत से बड़ी राहत मिली है। जी हां बता दें कि हरक सिंह रावत को अदालत ने निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है। बता दें कि मामला 8 साल पुराना 2012 का है। जिस पर आज रुद्रप्रयाग अपर जिला जज ने फैसला सुनाया औऱ वन मंत्री हरक सिंह रावत को 2012 विधानसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन मामले में निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है. इसी मामले में बीते 10 नवंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वन मंत्री हरक सिंह रावत को धारा 143 का दोषी मानते हुए 3 माह के कारावास और 1 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी.
आपको बता दें कि इस मामले में मंत्री हरक सिंह को कोर्ट में खड़े रहने की भी सजा मिल चुकी है, जिसमें जमानत के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ हरक सिंह रावत ने जिला जज के कोर्ट में अपील की थी. जिला जज ने इस मामले को अपर जिला जज की अदालत को ट्रांसफर कर दिया था लेकिन अब उन्हे राहत दे दी है। इस मामले पर हरक सिंह रावत का कहना है कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है। वो इस मामले में निर्दोष थे। कहा कि प्रशासन ने सिर्फ शान्ति व्यवस्था बनाने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया था. मंत्री हरक सिंह रावत ने उनका साथ देने वालों को धन्यवाद कहा।
ये है मामला
बता दें कि मामला 8 साल पुराना 2012 का है। जब मंत्री हरक सिंह रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव के मैदान में उतरे थे। इस दौरान हरक सिंह पर आचार संहिता उल्लंघन करने और सरकारी कर्मचारी से बदसलूकी का आरोप लगा था। इतना ही नहीं हरक सिंह रावत पर मुकदमा दर्ज किया गया था.तब से मामला कोर्ट में लंबित था। राज्य सरकार द्वारा इस मुकदमे में पहले ही विड्रा किया जा चुका है, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में हरक सिंह को धारा 143 में दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी. इसी मामले को लेकर मंत्री हरक सिंह रावत कई बार चर्चाओं में भी रहे. एक बार तो मंत्री हरक सिंह को कोर्ट में खड़े रहने की भी सजा मिल चुकी है.