देहरादून: एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने सुयंक्त कार्रवाई में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। यह गिरोह बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाता था। नौकरी दिलाने के नाम पर राष्ट्रीय स्तर पर धोखाधड़ी कर लाखों हड़पने वाले गिरोह का एक सदस्य को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। बढ़ते साईबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं।
ठग आम जनता व बेरोजगार युवक युवतियों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत की प्रभारी एसटीएफ की ओर से गोपनीय जांच करवाई गई। शिकायत के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है। देहरादून निवासी एक युवक के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुयी थी, जिसमें शिकायतकर्ता की पहचान उनके मित्र द्वारा अपने भाई एवं उसके दोस्त से करवायी। शिकायतकर्ता को फूड कार्पोरेशन आफ इण्डिया विभाग में 10 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की बात कही गयी थी।
अलग-अलग माध्यमों से 10 लाख रुपये अभियुक्तगणों के बैंक खातो में डाली गयी। अभियुक्तगणों द्वारा शिकायतकर्ता को विश्वास मे लेने हेतु पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया जिससे पीडित बेरोजगारो को विश्वास हो जाये की उनकी नौकरी वास्तव मे लग गयी है, इसके उपरान्त उसका फर्जी तरीके से प्रशिक्षण भी गोरखपुर उत्तर प्रदेश में किया गया। बाद में जब ज्वाइनिंग लेटर मंे अंकित तिथि को शिकायतकर्ता द्वारा अभियुक्तों से फोन किया तो, उन्होने फोन नहीं उठाया। शक होने पर जब शिकायतकर्ता जानकारी जुटाई तो मामला पूरी तरह से फर्जी निकला। इसके बाद मामले की शिकायत दर्ज कराई गई
जांच के बाद एक अभियुक्त विकास चन्द्रा निवासी पौड़ी को एसटीएफ टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था। अभियुक्त विकास चन्द्र की गिरफ्तारी के बाद साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर पंजीकृत उपरोक्त अभियोगों में वांछित अभियुक्त कपिल सैनी अपने सभी पूर्व के ठिकानों को छोडकर फरार चल रहा था, जिसे पुलिस टीम द्वारा गैर प्रान्त उत्तर प्रदेश के जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त कपिल सैनी द्वारा बताया गया है कि वो व उसके अन्य साथी बेरोजगार युवक/युवतियों व उनके परिजनों को सरकारी विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर ठगता था।
बेरोजगार लडकेध्लडकियो का लखनऊ, गोरखपुर, दिल्ली आदि जगहो पर फर्जी तरीके से पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल, ट्रेनिंग करवाते हैं, जिसमें हमारे अन्य साथी जिनका संबंध अभियुक्त द्वारा एफसीआई और एम्स के अधिकारियों से होना भी बताया गया है। लखनउ, गोरखपुर, दिल्ली में रहते है व अपराध में सहयोग करते है और हम लोग बेरोजगार युवकध्युवतियों को फर्जी रवपदपदह समजजमत, थ्ब्प् पहचान पत्र तैयार कर मेल व डाक आदि के माध्यम से भी भिजवाते है व सरकारी विभागो की फर्जी ईमेल आईडी बनाकर बेरोजगार युवक/युवतियों को उस ई-मेल आईडी से नौकरी के सम्बन्ध मे मेल कर उन्हंे धोखाधडी का शिकार बनाते हैं।