सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पिछले आठ सालों में 1 लाख 59 हजार आरटीआई डाली गईं। इन आरटीआई में केवल 11,376 महिलाओं की हैं और बाकी सभी पुरुषों की। कार्मिक मंत्रालय ने यह आंकड़े जारी किए हैं। एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने बताया कि 22 अप्रैल 2013 से 12 नवंबर 2021 के बीच इस कानून के तहत 1,59,107 अर्जियां दी गईं। इनमें से 11,376 अर्जियां महिलाओं ने दीं और 1,47,731 अर्जियां पुरुषों ने दीं।
लोकेश के. बत्रा ने एक वेबसाइट के जरिए आरटीआई अर्जियों की कुल संख्या पर कार्मिक मंत्रालय से लिंग आधारित जानकारियां मांगी थी। इसके जवाब में मंत्रालय ने बताया कि 15,986 अर्जियां (1,507 महिलाओं की और 14,479 पुरुषों की) 2021 में 12 नवंबर तक दायर की गयी, 20,792 (1,968 महिलाओं की और 18,824 पुरुषों की) अर्जियां 2020 में और 20,762 (1,612 महिलाओं की और 19,150 पुरुषों की) अर्जियां 2019 में दायर की गयीं।
मंत्रालय ने बताया कि 2018 में 19,709 आरटीआई अर्जियां (1,433 महिलाओं और 18,276 पुरुषों) दायर की गयी। ऐसे ही 2017 में 18,869 (1,219 महिलाओं और 17,650 पुरुषों) अर्जियां दी है। 2016 में 17,800 (885 महिलाओं और 16,915 पुरुषों), 2015 में 16,210 (981 महिलाओं और 15,229 पुरुषों) और 2014 में 16,626 (1,049 महिलाओं और 15,577 पुरुषों) अर्जियां दायर की गयीं। बत्रा ने बताया, ‘‘आंकड़ें दिखाते हैं कि महिलाओं में अपने जानने के अधिकार के बारे में ज्यादा जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।’