सही कहते हैं कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। अगर दिल में जज्बा हो तो बुढापे में भी पढ़ा जा सकता है और अपनी ख्वाहिश पूरी की जा सकती है। जी हां ऐसा ही कुछ किया राजस्थान, उदयपुर के भाजपा विधायक फूल सिंह मीणा ने. बता दें कि भाजपा विधायक फूल सिंह मीणा 60 साल के हैं लेकिन उनमे पढ़ने का जज्बा आज भी जिंदा था जिसके बाद उन्होंने 40 साल बाद वर्धमान महावीर ओपेन यूनिवर्सिटी में बजाप्ता एडमिशन लिया। विधायक ने राजनीतिशास्त्र को चुना और मंगलवार को उदयपुर परीक्षा केंद्र पर बतौर परीक्षार्थी परीक्षा दी।
दरअसल उच्च शिक्षा पाना उनका सपना था लेकिन घर की खराब परिस्थिति के कारण उनकी पढ़ाई 40 साल पहले ही छूट गई। कुछ समय बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और पहले पार्षद बने. फिर इसके बाद विधायक चुने गए। उपलब्धि तो हासिल कर ली लेकिन उनके मन में पढ़ने की वो ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाई थी। इस ख्वाहिश को पूरा किया उनकी बेटियों ने..बेटियों के हौसले के कारण उन्होंने कॉलेज में बीएम में दाखिला लिया और मंगलवार को परीक्षा दी। उनकी इच्छा है कि वो पढ़ाई जारी रखें और पीएचडी की डिग्री हासिल करें.
इस पर विधायक मीणा ने कहा कि जब पहली बार विधायक बने तो उन्हें स्कूलों के कार्यक्रमों में बतौर अतिथि बुलाया जाता था. तब उन्हें बच्चों के सामने भाषण देने में शर्मिंदगी महसूस होती थी. उन्हें लगता था कि वे खुद ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं और बच्चों को पढ़ने की शिक्षा दे रहे हैं. अब वे जहां भी जाते हैं, बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी पढ़ने की सलाह देते हैं.
भाजपा विधायक ने बताया कि पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी के कारण उनकी पढ़ाई छूट गई। वो खेती करने लगे। 2013 में उन्होंने पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेटियों से प्रेरणा मिली और उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की. उन्होंने बताया कि घर जाकर उनकी बेटिया उन्हें पढ़ाती है। बता दें कि फूल सिंह मीणा उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा विधायक बने हैं. इससे पहले वह उदयपुर नगर निगम में पार्षद थे.
आपको बता दें कि फूल सिंह मीणा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को 80% से ज्यादा अंक लाने पर प्लेन का सफर कराते हैं. इस मुहिम को वो 2016 से चला रहे हैं।