उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में ही लोकसभा चुनावों के लिए मतदान है। इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा युवा वोटर हैं और इसी के साथ उत्तराखंड के भविष्य लिखने का मौका भी उत्तराखंड के युवाओं के हाथों में ही है। इस बार युवाओं के वोट ही उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।
70 प्रतिशत से अधिक है युवा मतदाताओं की संख्या
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव में इस बार युवा मतदाता उम्मीदवार की किस्मत लिखेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में युवा मतदाताओं की संख्या 70 प्रतिशत से भी ज्यादा है। इसमें भी अगर उम्र की बात करें तो 30 से 39 साल की उम्र के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। जो कि 27 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
18-19 से लेकर 40 से 49 उम्र के आयु वर्ग में सबसे ज्यादा मतदाता
साल 18-19 से लेकर 40 से 49 साल के आयु वर्ग में मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। जबकि 60 से 80 व इससे ज्यादा वर्ष के वोटरों की संख्या सबसे कम करीब 16 प्रतिशत के बीच है। वहीं मतदाताओं का जो वर्ग वरिष्ठ नागरिक होने के करीब है यानी 50 से 59 उम्र उसका आंकड़ा 15 प्रतिशत के करीब है। इन आंकड़ों से साफ है कि इस बार उत्तराखंड का युवा उम्मीदवारों की किस्मत लिखने का काम करेगा।
आयु वर्गवार वोटरों की संख्या
- आयु वर्ग संख्या प्रतिशत
- 18-19 उम्र – 1.45 लाख 1.74 प्रतिशत
- 20-29 उम्र – 16.60 लाख 20 प्रतिशत
- 30-39 उम्र – 22.44 लाख 27 प्रतिशत
- 40-49 उम्र – 17.04 लाख 21 प्रतिशत
50 की उम्र से ऊपर के मतदाता
- आयु वर्ग संख्या प्रतिशत
- 50-59 उम्र – 11.86 लाख 15 प्रतिशत
- 60-69 उम्र – 7.5 लाख 9.01 प्रतिशत
- 70-79 उम्र – 4.14 लाख 4.97 प्रतिशत
- 80 व अधिक – 1.54 लाख 1.85 प्रतिशत