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लड़किया किसी से कम नहीं होती। यह एक बार फिर साबित किया है कर्णप्रयाग की यशस्वी पुरोहित ने आपको बता दे यशस्वी ने जेईई मेंस के पहले चरण के एग्जॉम में 99.23 परसेंटाइल प्राप्त किए। जेईई मेंस इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए देश की सबसे बड़ी संयुक्त परीक्षा है। जिसमें यशस्वी ने प्रदेश का परचम लहराया है।
यशस्वी का परिवार मूल रूप से चमोली जिले के कर्णप्रयाग का रहने वाला है। वर्तमान में वो देहरादून के प्राइवेट स्कूल में 12वीं की छात्रा हैं। यशस्वी के पिता प्रेम प्रकाश पुरोहित और माता अंजु पुरोहित सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। वर्तमान में दोनों ही चमोली जिले के गोपेश्वर में सेवा दे रहे हैं।
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आईआईटी से शिक्षा हासिल करने की चाह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यशस्वी बताती है कि उन्होंने नौवीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि आईआईटी से बीटेक करना है। इसके लिए 10वीं से ही तैयारी शुरू कर दी थी। यशस्वी की रुचि कंप्यूटर साइंस में है। जेईई एडवांस में अच्छे पर्सेंटाइल प्राप्त होने के बाद वो अब आईआईटी से शिक्षा हासिल करना चाहती है।