टाटा संस (Tata Sons) के सफल चेयरमैन में से एक रतन टाटा (Ratan Tata) अब इस दुनिया में नहीं है। बुधवार यानी नौ नवंबर देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली। अक्सर आपने रतन टाटा के साथ एक दुबले-पतले कर्ली बाल वाले लड़के(Shantanu Naidu) को तो जरूर देखा होगा। कभी फोटोज में, कभी सोशल मीडिया तो कभी इंटरव्यूज में। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर ये युवक है कौन और कैसे दोनों की मुलाकात हुई। जो अंत तक रतन टाटा के साथ रहा।
कौन है शांतनू नायडू (Who is Shantanu Naidu)
रतन टाटा के साथ जो युवक अक्सर दिखाई देता है उसका नाम शांतनु नायडू है। शांतनु टाटा के असिस्टेंट रहे हैं। 31 साल के शांतनु (Shantanu Naidu Age) दिग्गज उद्योगपति के साथ दिखाई देते थे। दोनों का एक दूसरे के साथ एक खास जुड़ाव था। दोनों के बीच एक स्पेशल बॉड था।
Ratan Tata से कैसे जुड़े
टाटा ट्रस्ट के डिप्टी जेनरल मैनेजर के रूप में शांतनु नायडू काम करते थे। रतन टाटा ने खुद फोन कर उन्हें अपना असिस्टेंट बनाने की बात कही थी। जिसके बाद साल 2022 में वो टाटा के ऑफिस में जीएम बन गए। मुंबई के रहने वाले शातनु का जन्म 1993 हुआ था। टाटा के स्टार्टअप्स में शांतनु इंवेस्टमेंट के लिए टिप्स देते थे।
अमेरिका से पढ़े है नायडू
शांतनु नायडू एक इंजीनियर व्यवसायी, जूनियर असिस्टेंट, डीजीएम, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, लेखक और उद्यमी के रूप फेमस है। रतन टाटा के अंतिम दिनों में भी वो उन्हीं के साथ थे। उन्होंने अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने टाटा ग्रुप में नौकरी की। इसके साथ ही वो Goodfellows के ऑनर भी हैं। ये सिनियर सिटिजन के लिए कंप्रिहेंसिव सपोर्ट प्रोवइड कराती है।
टाटा ट्रस्ट से कब से है जुड़े?
शांतनु के लिंक्डइन प्रोफाइल की माने तो साल 2017 में वो टाटा ट्रस्ट से जुड़े थे। इसके अलावा टाटा एलेक्सी में उन्होंने बतौर डिजाइन इंजीनियर भी काम किया है। सोशल मीडिया पर भी वो काफी एक्टिव रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनके डॉग कॉलर रिफ्लेक्टर के बारे में लिखा पोस्ट पढ़ने के बाद रतन टाटा ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया। वहीं से वो रतन टाटा को भा गए। साल 2022 में मई से उन्होंने रतन टाटा के साथ काम किया।
जानवर से प्रेम बनी दोस्ती की वजह
शांतनु और रतन टाटा के बीच गहरी दोस्ती की एक वजह जावनरों के प्रति दोनों का प्यार भी है। दोनों के बीच दोस्ती की शुरुआत ही जानवरों के प्रति साझा प्रेम के कारण हुई। साल 2014 में दोनों की मुलाकात हुई। शांतनु के डॉग कॉलर रिफ्लेक्टर की मदद से आवारा कुत्तों को रात में टक्कर से बचाए जा सकता था। इसी पहल के कारण उन्होंने शांतनु को उनकी कंपनी में काम करने को कहा।