प्रदेश में अब अधिकारी एक ही सरकारी गाड़ी का प्रयोग करेंगे। राज्य संपत्ति विभाग ने एक से ज्यादा गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जिसके बाद सवाल उठता है कि गाड़ियों के निजी प्रयोग पर रोक कब लगाई जाएगी।
अधिकारियों के एक से ज्यादा गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक
राज्य संपत्ति विभाग ने राज्य सचिवालय के अधिकारियों के दो-दो गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सचिव (राज्य संपत्ति) निनोद कुमार ने इसके लिए सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, अपर सचिवों और संयुक्त सचिवों को आदेश जारी कर दिए हैं।
परिवहन विभाग के 2003 में जारी शासनादेश का किया जिक्र
जारी किए गए आदेश में परिवहन विभाग के 2003 में जारी शासनादेश का जिक्र किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि भले ही किसी अधिकारी के पास एक से ज्यादा पद हों लेकिन वो एक समय में एक ही गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके साथ ही आदेश में कहा गया है कि किसी अधिकारी के पास अगर अन्य विभाग का भी प्रभार हो और उस विभाग द्वारा वाहन उपलब्ध कराया गया हो तो ऐसे में अधिकारी विभाग के वाहन का ही इस्तेमाल करें। राज्य संपत्ति विभाग से वाहन की मांग ना करें। राज्य संपत्ति विभाग उन्हीं अधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराएगा जिनके पास अन्य किसी विभाग से वाहन उपलब्ध नहीं होगा।
सरकारी वाहनों में कब तक मौज मारेंगे अफसर ?
अक्सर देखा जाता है कि अपने निजी कामों के लिए सरकारी वाहनों का प्रयोग करते हैं। एक से ज्यादा सरकारी गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक के फैसले से सवाल उठ रहा है कि अफसरों के सरकारी वाहनों का अपने निजी कामों के लिए प्रयोग करने पर कब रोक लगेगी।
निजी काम के लिए सरकारी गाड़ियों का प्रयोग कब तक ?
अक्सर अफसर सब्जी खरीदने, बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए और कई कामों में सरकारी वाहनों का प्रयोग करते हुए नजर आते हैं। जबकि सरकारी कामों के लिए ही सरकारी वाहनों की सुविधा दी जाती है। यहां सवाल ये उठता है कि सरकारी कामों के इतर इन वाहनों से निजी काम क्यों किए जाते हैं और इस पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है।