गुजरात में बीते काफी दिनों से चांदीपुरा वायरस (Chandipura virus) ने आतंक फैला रखा है। इस वायरस से अब तक गुजरात के अरावली जिले में छह मौत हो गई है। हालांकि गुजरात के सवास्थ्य मंत्री की माने तो जिले में हुई छह मौतों कारण चांदीपुरा वायरस है, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
ऐसे में इस आर्टिकल में चलिए जानते है इस खतरनाक वायरस के बारे में। आखिर ये चांदीपुरा वायरस है क्या? ये कितना खतरनाक है? साथ ही इसके लक्षण (Chandipura virus Symptoms) और बचाव के तरीकों को जान लेते है।
क्या है चांदीपुरा वायरस? (What is Chandipura Virus?)
चांदीपुरा वायरस ज्यादातर मच्छरों, टिक्स और सेंडफ्लाई की वजह से फैलता है। ये एक खतरनाक पैथोजन है। चांदीपुरा वायरस के फ्लु जैसे लक्षण होते है। साथ ही ये एक्यूट एन्सेफलाइटिस यानी की दिमाग में सूजन भी बढ़ाता है।
कुछ स्टडी की माने तो इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के अंदर तेजी से लक्षण फैलते है। एक दिन के अंदर ही व्यक्ति में न्यूरोलॉजिक समस्याएं और ऑटोइम्यून एन्सेफलाइटिस हो सकता है। कई मामलों में ये बिमारी जानलेवा भी बन जाती है। इस बीमारी से मृत्यु प्रतिशत 56% से 75% तक है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण (Chandipura Virus Symptoms)
इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति को शुरुआत में तेज बुखार आता है। तेज बुखार के बाद दौरे पड़ना, उल्टी, दस्त आदि के लक्षण पीड़ित व्यक्ति को अनुभव हो सकते है। ऐसे में अगर इस बिमारी का जल्द इलाज नहीं करवाया गया तो ये जानलेवा साबित हो सकती है।
चांदीपुरा वायरस इलाज (Chandipura Virus Treatment)
इस जानलेवा वायरस का वैसे तो कोई विशेष इलाज नहीं है। लेकिन अगर समय रहते हुए इस बीमारी का पता चल जाए तो इंसान के बचने के चांस बढ़ जाते है। इस बिमारी से जूझ रहे व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में एडमिड कर लक्षणों से राहत दिलाने के लिए इलाज किया जा सकता है।
बचाव कैसे करें (Chandipura Virus prevention)
इस बिमारी से अगर आपको बचना है तो मच्छरों से बचाव जरूरी है। ऐसे में अपने घर और घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। अपने आस-पास पानी जमा ना होने दें।