शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो गया है। इस बार पिछली बार से भी कम मतदान हुआ है। जिसके बाद से उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं कि कम मतदान का किसके फायदा होगा और किसको नुकसान होगा। इसके साथ ही कम मतदान प्रतिशत ने प्रत्याशियों की चिंता भी बढ़ा दी है।
उत्तराखंड की पांचों सीटों पर कम हुआ मतदान
उत्तराखंड लोकसभा चुनावों के लिए मतदान हो चुका है। इस बार बीते तीन लोकसभा चुनावों में सबसे कम मतदान हुआ है। जहां सबसे कम मतदान अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर हुआ है तो वहीं सबसे ज्यादा मतदान हरिद्वार लोकसभा सीट पर हुआ है। इस बार चुनावों में कम मतदान होने के बाद से सियासी गलियारों में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। सभी अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं तो कुछ लोग जीत और हार का गणित भी लगाने लगे हैं।
चार जून को आएंगे नतीजे
मतदान के 45 दिन बाद चार जून को आने वाले नतीजे ही मतदान के मायने तय करेंगे। अब देखने वाली बात तो ये होगी कि कम मतदान से किसको फायदा होता है और किसको नुकसान होगा। क्या इस बार भी जो दशकों से मायने होते हैं वही रहेंगे या फिर इस बार नजीते बदल जाएंगे।
अल्मोड़ा में सबसे कम और हरिद्वार में सबसे ज्यादा पड़े वोट
आपको बता दें कि उत्तराखंड में कुल मतदान 55.89% हुआ। जिसमें सबसे ज्यादा मतदान हरिद्वार लोकसभा सीट पर हुआ। हरिद्वार में 62.46% मतदान हुआ। जबकि सबसे कम मतदान अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर हुआ। इस सीट पर सिर्फ 46.94% ही मतदान हुआ।