आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुए भर्ती और खरीद घोटाले की जांच मामले में एक बार फिर विजिलेंस ने विवि परिसर में जाकर दस्तावेज खंगाले। जिसके बाद से विश्वविद्यालय में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
बता दें इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में बुधवार को विजिलेंस की टीम विवि में पहुंची और भर्ती, खरीद संबंधी दस्तावेज मांगे। बताते चले विजिलेंस की टीम इससे पहले भी कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से दस्तावेज मांग चुकी हैं। बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारी पूरे दस्तावेज देने को तैयार नहीं हैं।
2022 में शासन ने दी थी विजिलेंस जांच की अनुमति
आयुर्वेद विवि में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे। 2022 में शासन ने विजिलेंस जांच की अनुमति दी थी। जांच में वित्तीय अनियमितता के साथ साथ योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने और माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन नहीं करने सहित कई आरोप थे।
बायोमेडिकल संकाय और संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर, पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर उसे रद्द करने की भी बात सामने आई थी। विजिलेंस की इंस्पेक्टर किरन असवाल ने जब मामले की जांच की तो इसमें कई अनियमितताएं पाई गईं थी। मामले में अप्रैल महीने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। वर्तमान में मामले की विवेचना इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल को सौंपी गई है।