देहरादून : उत्तराखंड में इगास की धूम है। पहाड़ से लेकर मैदान क्षेत्रों में इगास मनाई जा रही है। मंत्री विधायकों समेत सांसदों ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व की बधाई दी। हर कोई अपने अपने तरीके से इगास की बधाई दे रहा है और इगास मना रहा है। ऐसे में आखिर हरीश रावत कैसे पीछे रहते भला। हरदा ने भी मना लिया इगास वो भी भैलो घुमाकर।
आपको बता दें कि आज रविवार को स्मृति वन मालदेवता रोड देहरादून में धाद संस्था द्वारा आयोजित उत्तराखंड का उजास पर्व इगास कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत ने शिरकत की। हरीश रावत ने लोगों को “इगास” की बधाई दी और भैलो खेला। हरीश रावत ने भैलो को घुमाया जिसे देख सभी खुश हुए।
आपको बता दें कि अगर इगास को कोई गीत आपको सुनना है तो आप भैला ओ भैला, चल खेली औला, नाचा कूदा मारा फाल, फिर बौड़ी एगी बग्वाल… लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के इस गीत में गांवों में दीवाली और इगास उत्सव की महत्ता को समझ सकते हैं। दीपावली के बाद इगास का त्योहार गांव-गांव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। घरों में विशेष साज-सज्जा के साथ तरह-तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं। पारंपरिक भैलो नृत्य इस पर्व का खास आकर्षण होता है, जो आपसी सौहार्द और सहभागिता का संदेश देता है। रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के कई गांव भैलो नृत्य की परंपरा को जीवंत रखे हुए हैं।