उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील जोशी को हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया गया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने एक हफ्ते पहले सुनील जोशी को हटाने के आदेश दिए थे।
हटाए गए आयुर्वेद विवि के कुलपति
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील जोशी को पद से हटाने के लिए बुधवार को राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि उन्हें हटाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट ने एक हफ्ते पहले ही आदेश दे दिए थे।
कुलपति 13 जुलाई को रिटायर होने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें हटा दिया गया है। नियमित नियुक्ति तक गुरुकुल के प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी को आयुर्वेद विवि के कुलपति का अंतरिम चार्ज दिया गया है।
पदोन्नतियों में की थी धांधली
सुनील जोशी पर अपने पद के दुरूपयोग के आरोप थे। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर वित्तीय अनियमितताएं की हैं। इसेक साथ ही पदोन्नतियों में भी धांधली की है। इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई 15 जून को हुई थी। जिसमें कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने कुलपति की नियुक्ति ही निरस्त कर दी।
हरिद्वार निवासी विनोद चौहान ने नियुक्ति को दी थी चुनौती
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील जोशीकी नियुक्ति को हरिद्वार निवासी विनोद चौहान ने चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि नियमों के विरूद्ध उनकी नियुक्ति हुई है।
इसके लिए 10 वर्ष का अनुभव अनिवार्य होता है। लेकिन डा. जोशी का प्रोफेसर पद पर अनुभव 10 वर्ष नहीं है। उनके पास सात साल का ही अनुभव है। इसलिए कुलपति पद की निर्धारित योग्यता सुनील जोशी के पास नहीं है।
