टिहरी : बीते दिन मुनि-की-रेती थाना क्षेत्र में एनजीटी और पर्यटन विभाग की गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई और साथ ही पुलिस आंख मूंदे रही। बता दें कि कुछ लोगों द्वारा रात के समय में राफ्टिंग की गई। कई लोग रात के समय जान दांव पर लगाकर शोर शराबे के साथ राफ्टिंग करते दिखे लेकिन पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी. जो की बड़ी लापरवाही है। आपको बता दें कि नियम के अनुसार सुबह 8 बजे से शाम 4-5 बजे तक राफ्टिंग करने की अनुमति है। लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण इस पर रोक लगाई गई थी। रात के अंधेर में राफ्टिंग करने की खबर से पुलिस भी हैरान रह गई। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और अब पुलिस राफ्टिंग कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार दरअसल बीते गुरुवार शाम करीब 7 बजे मुनी की रेती पुलिस थाने से मात्र 50 मीटर की दूरी पर ही गंगा में राफ्टिंग की गई। जमकर शोर-शराबा किया गया। हैरानी की बात ये है कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है। इससे पुलिस के रात गश्त करने के दावे पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस पूरे मामले पर थानाध्यक्ष मुनी की रेती रामकिशोर सकलानी का कहना है कि ऐसे किसी मामले की उन्हें जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि उक्त मामले से संबंधित वीडियो और फोटो उन्होंने मंगवा लिए हैं, संबंधित संचालक का लाइसेंस निरस्त करने के सिफारिश की जाएगी।