बागेश्वर- बैजनाथ थाना क्षेत्र में मल्ला भिलकोट में रविवार को बेटे ने कुल्हाड़ी से अपने पिता की गर्दन काट डाली। पिता की निर्मम हत्या के बाद फरार आरोपी को पुलिस ने देर शाम कौसानी के निकट चनौदा से गिरफ्तार कर लिया।
थाना क्षेत्र बैजनाथ के मल्ला भिलकोट निवासी सेवानिवृत्त सैनिक रघुवीर सिंह किरौला (65) रविवार की दोपहर अपने आंगन में गेहूं की मढ़ाई की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बेटे चंदन सिंह (31) से गेहूं की मढ़ाई में सहयोग करने को कहा तो बेटे ने इनकार कर दिया। इसे लेकर बाप-बेटे में कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई की बेटा आपा खो बैठा और उसने कुल्हाड़ी से पिता की गर्दन काट दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
बेटे द्वारा पिता की हत्या की खबर से गांव में दहशत
घटना के वक्त रघुवीर सिंह की पत्नी देवकी देवी गेहूं काटने के लिए खेत में गई हुई थी। बेटे द्वारा पिता की हत्या की खबर से गांव में दहशत फैल गई।इस बीच, मृतक की पत्नी भी घर पहुंच गई और घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी। ग्रामीणों ने शाम करीब छह बजे घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष भूपेंद्र पंचपाल दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर हत्यारोपी बेटे को पकड़ने के लिए कई जगहों पर दबिश दी। देर शाम कौसानी के थानाध्यक्ष एसएस नयाल, एसआई हरीश चौधरी, कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार और संजय ने अभियुक्त को कौसानी के पास चनौदा से गिरफ्तार कर लिया।
गुस्सैल स्वभाव की वजह से उसकी शादी भी नहीं करवाई
एसडीएम ने बताया कि मृतक के दूसरे बेटे चमन सिंह की तहरीर पर चंदन सिंह के खिलाफ बैजनाथ पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है तथा पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी बरामद कर लिया है। पूर्व फौजी रघुवीर सिंह किरौला का हत्यारा बेटा चंदन बपचन से ही गुस्सैल है। हत्यारे की मां देवकी किरौला ने बताया कि बेटे के इसी गुस्सैल स्वभाव की वजह से उसकी शादी भी नहीं करवाई।
वह घर के काम में भी सहयोग नहीं करता था। देवकी देवी ने बताया कि अगर वह खेत में गेहूं काटने नहीं गई होती तो शायद उनके पति आज जिंदा होते। कहा कि उसकी आदत के चलते परिवार वाले भी उससे कम ही बोलते थे। उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे हैं।
एक बेटा चमन सिंह घर पर ही परिवार से अलग रहता है। दूसरा बेटा गोविंद सिंह दिल्ली में नौकरी करता है। आरोपी चंदन सिंह मां-बाप के साथ घर पर रहता है। गांव वालों का कहना है कि वे लोग भी उससे बोलने में डरते थे। उन्होंने बताया कि मृतक रघुवीर सिंह सरल स्वभाव के थे।