सीजनल इंफ्लूएंजा एच3एन2 को लेकर सोमवार को शासन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किए इसमें बीमारी के बचाव और प्रभावी रोकथाम संबंधी निर्देश दिए गए हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर की ओर से जारी पत्र के मुताबिक सीजनल इंफ्लूएंजा एच1एन1, एच3एन2 से बचाव के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य बिंदु
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों का हवाला
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अपर सचिव अमनदीप कौर ने जारी आदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि जनवरी से मार्च तक आमतौर पर सीजनल इन्फ्लुएंजा वायरस का प्रसारण होता है। इस अवधि में 11 बिंदुओं पर जारी निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
11 बिंदुओं पर जारी निर्देशों का पालन करने के दिए निर्देश
- इन्फ्लुएंजा के मामलों की चिकित्सालय स्तर पर सघन निगरानी की जानी चाहिए।
- शुरुआती चरण में ही इस संक्रमण को अधिक प्रसारित होने से रोका जाना चाहिए।
- प्रत्येक रोगी की सूचना अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म पोर्टल पर अंकित की जाए।
- सीजनल इन्फ्लुएंजा के अधिकतर रोगियों में बुखार, खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं और ये खुद ही ठीक हो जाते हैं।
- मधुमेह, हृदय रोग, लीवर की बीमारियों समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों के संबंध में विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
- व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। साथ ही हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर मुंह व नाक को टिश्यु से ढंकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग आवश्यक है।
- केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार रोगियों का वर्गीकरण, क्लीनिकली मैनेजमेंट प्रोटोकाल, होम केयर, सैंपल कलेक्शन के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- राजकीय मेडिकल कालेज देहरादून, हल्द्वानी व नैनीताल में इन्फ्लुएंजा के विभिन्न प्रकारों की जांच की सुविधा उपलब्ध है।
- शासन ने जिला्र, बेस, संयुक्त चिकित्सालयों में इन मरीजों के उपचार को पर्याप्त बेड, वार्ड, आइसीयू, वेंटिलेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
- फिजिशियन या चिकित्सक को आइसोलेशन वार्ड का नोडल अधिकारी नियुक्त करने और उनके नाम व मोबाइल फोन नंबर की जानकारी शासन को देने को कहा गया है।
- चिकित्सालयों में आवश्यक औषधियों व सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मरीज की गंभीर हालत होने पर रेफरल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।