ऊधमसिंह नगर: जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से बनाए अनापत्ति प्रमाण पत्र मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उधम सिंह नगर ने फौजदारी अपील संख्या 221/2015 सरकार बनाम फिरतू यादव मामले में सुनवाई के उपरांत आरोपी फिरतु यादव के पक्ष में अवर न्यायालय, रुद्रपुर के पूर्व निर्णय को बरकरार रखते हुए सरकार की ओर से दायर अपील निरस्त करते हुए फिरतु यादव को पूर्णतया दोषमुक्त करार दिया है।
चर्चित हाईप्रोफाइल वाद के सम्बन्ध में आरोपी फिरतु यादव की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर अधिवक्ता जिला एवं सत्र न्यायालय, रुद्रपुर एडवोकेट शाहिद हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2001 में शेर सिंह बिष्ट निवासी लालपुर के पक्ष में एक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसमें उस दौरान लोक निर्माण विभाग रुद्रपुर में कार्यरत अमीन फिरतु यादव और अधिशासी अभियंता जुनैद अहमद पर अनापत्ति प्रमाण पत्र में चन्द्र सिंह, तत्कालीन जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए जारी करने का संदेह व्यक्त किया गया था।
शिकायत की जांच के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी आईएएस चंद्र सिंह व सचिव और आयुक्त आबकारी विभाग की ओर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर को मामले में अमीन फिरतु यादव पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का संदेह व्यक्त किया गया था, जिसके बाद तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट मदन सिंह कुंडरा द्वारा फिरतु यादव के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने के लिए रुद्रपुर थाने में पत्र सौंपा गया, जिसमें विवेचना अधिकारी द्वारा अभियुक्त फिरतु यादव के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
आरोपी फिरतु यादव पर आरोप पत्र अवर न्यायालय में प्रेषित करते हुए वाद दाखिल किया गया। जिसकी सुनवाई करते हुए अवर न्यायालय द्वारा 25 अगस्त 2015 को जारी अपने निर्णयादेश में आरोपी फिरतु यादव को दोष मुक्त होने का आदेश जारी किया गया। जिसके खिलाफ सरकार ने फौजदारी अपील संख्या 221 वर्ष 2015 में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उधम सिंह नगर में दायर किया और उपरोक्त फिरतु यादव के खिलाफ दोष सिद्ध करने संबंधी तमाम दलीलें पेश की गई।
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऊधमसिंह नगर ने अवर न्यायालय के पूर्व निर्णयादेश को बरकरार रखते हुए फिरतु यादव को दोषमुक्त करार दिया है। सरकार की ओर से दायर फौजदारी अपील को निरस्त कर दिया है। ऊधमसिंह नगर डीएम के फर्जी हस्ताक्षर से जारी प्रमाण पत्र मामले में एडीजे प्रथम न्यायाधीश ऊधमसिंह नगर द्वारा सरकारी अपील खारिज कर अभियुक्त को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया है।