वित्त मंत्री की सड़क पर झड़प मामले में सियासत अब तेज होती दिख रही है। विपक्ष इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरती नजर आ रही है। बता दें एफआईआर में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का नाम ना होने पर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये घटना लोकतंत्र के लिए एक बदनुमा दाग है। जहां सत्तारूढ़ दल के मंत्री आम जनता को कीड़े मकोड़े की तरह समझते हैं। आगे माहराने कहा कि जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस तरह के कृत्य किसी भी सूरत में शोभा नहीं देते हैं।
करन माहरा ने कहा प्रेमचंद अग्रवाल कोई सड़क छाप व्यक्ति नहीं है। वह विधानसभा अध्यक्ष जैसे गरिमामय पद पर रह चुके हैं और वर्तमान में शहरी विकास मंत्री व वित्त मंत्री के पद पर हैं। ऐसे में उनसे समाज के एक जिम्मेदार सुलझे हुए और परिपक्व बर्ताव की अपेक्षा की जाती है।
आम आदमी और मंत्रियों के लिए नियम कानून अलग
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने एफआईआर में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का नाम नामजद ना होने पर आपत्ति जाहिर की है। दसौनी ने सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। गरिमा मेहरा दसौनी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आम आदमी और मंत्रियों के लिए नियम कानून अलग अलग हैं। इसके साथ ही कहा की प्रदेश सरकार कैबिनेट मंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है।
पुतला दहन कर की इस्तीफे की मांग
देहरादून में कांग्रेस ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला फूंका और प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी ने प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफे की मांग की। इसके साथ ही मंत्री पर सत्ता की हनक होने का आरोप लगाया है।