सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों तक खाना पहुंचाने के लिए छह इंच का एक अतरिक्त पाइप ड्रिल किया जा रहा था। जो कि 57 मीटर लंबा था। वो पाइप अब सुरंग में आर-पार हो गया है।
सुरंग में 57 मीटर लंबा पाइप हुआ आर-पार
सिलक्यारा सुरंग में 57 मीटर लंबा छह इंच का लंबा पाइप आर-पार हो गया है। इस पाइप के जरिए सुरंग में अब मजदूरों कर खाने का सामान भेजा जा सकेगा। बता दें कि अब तक सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को केवल ड्राईफ्रूट और मुरमुरे ही भेजे जा रहे थे। लेकिन अब उन्हें खाने की और वस्तुएं भी भेजी जा सकेंगी।
आज शाम को लगभग साढ़े चार बजे एनएचएआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और टनल के भीतर संचालित रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि बीते नौ दिनों से चल रहे रेस्क्यू की इस पहली कामयाबी के बाद श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के अहर्निश प्रयास तेजी से संचालित किए जाएंगे।
अब तक 4 इंच की पाइपलाइन ही बनी हुई थी लाइफलाइन
सुरंग में फंसे श्रमिकों के जीवन की रक्षा के लिए अबतक 4 इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी हुई थी। अब सेकेंड्री लाइफ लाइन के तौर पर छह इंच व्यास की पाइप लाइन मलवे के आरपार बिछा दिए जाने के बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री व खाद्य पदार्थ तथा दवाएं और अन्य जरूरी साजो सामान के साथ ही संचार के उपकरण भेजने में सहूलियत होगी।
जिससे अंदर फंसे श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाये रखने का भरोसा कई गुना बढ़ा है। इस अच्छी खबर के बाद श्रमिकों और उनके परिजनों साथ ही रेस्क्यू के मोर्चों पर खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है और रेस्क्यू के अन्य विकल्पों को लेकर अब उम्मीदें उफान पर हैं।
रेस्क्यू के लिए ली जा रही रोबोट की सहायता
श्रमिकों को रेस्क्यू करने के लिए छह प्लान बनाए गए हैं। जिन पर काम किया जा रहा है। मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए अब रोबोट की सहायता भी ली जा रही है। जिसके लिए सिलक्यारा में दो रोबोट भी पहुंच चुके हैं। बीतते वक्त के साथ खतरा लगातार बढ़ रहा है जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है।