उत्तराखंड में खानपान की पहचान झंगोरे की खीर को माना जाता है। सरकारी स्कूल में दिए जाने वाले मिड- डे मील में झंगोरे की खीर दिए जाने का फैसला लिया गया था। इस योजना को आगामी सितंबर से शुरू होना था। लेकिन छह लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को मोटा अनाज दिए जाने की योजना को बड़ा झटका लगा है।
स्कूल में छात्रों को नहीं मिलेगी झंगोरे की खीर
देहरादून और ऊधमसिंह नगर जनपद में स्थित केंद्रीयकृत किचनों को झंगोरा दिया जाना था। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 166 क्विंटल झंगोरे की मांग की थी। लेकिन राज्य सहकारी संघ ने इसकी उपलब्धता पर असमर्थता जता दी है।
बता दें प्रदेश सरकार ने मंडुआ, झंगोरा सहित मोठे अनाज को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताते हुए इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मिड-डे मील में शामिल करने का दावा किया था।
इस वजह से नहीं दी जाएगी छात्रों को झंगोरा की खीर
मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने पीएम पोषण के तहत मोटे अनाज के रूप में झंगोरा उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ को पत्र लिखा था। इसकी शुरुआत एक सितंबर से दो केंद्रीयकृत किचनों से होनी थी।
लेकिन उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ की ओर से पत्र में लिखा गया है कि वर्तमान में राज्य सहकारी संघ के पास झंगोरा उपलब्ध नहीं है। जिस वजह से सहकारी संघ इसे केंद्रीयकृत किचनों को उपलब्ध कराने में असमर्थ है।