ब्यूरो- धनोल्टी सीट पर भाजपा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा को उतारा है। जबकि कांग्रेस अभी पीडीएफ और संगठन के बीच ठिठकी हुई है। हालांकि पीडीएफ के साथी प्रीतम पंवार को कांग्रेस ने मंत्री प्रसाद नैथानी और हरीश चंद्र दुर्गापाल की राह पर चलने की नसीहत दी है। तय है कि अगर प्रीतम अपनी जिद पर अड़े रहे तो कांग्रेस अपना हाथ का साथ उन्हें नही देगी बल्कि अपना प्रत्याशी उतार सकती है। बहरहाल आज तक कैसी रही धनोल्टी की सियासी तस्वीर एक नजर इस पर भी।
2002 धनोल्टी की चुनावी तस्वीर कांग्रेस जीती
प्रत्याशी | दल का नाम | प्राप्त मत | नतीजा |
कौल दास | कांग्रेस | 10612 | जीते |
खजान दास | भाजपा | 8687 | 1925 वोट से हारे |
ज्ञान चंद | निर्दलीय | 4544 | तीसरे स्थान पर रहे |
2007 धनोल्टी की चुनावी तस्वीर भाजपा जीती
प्रत्याशी | दल का नाम | प्राप्त मत | नतीजा |
खजान दास | भाजपा | 19328 | जीते |
कौल दास | कांग्रेस | 12800 | 6528 वोट से हारे |
प्रीतम भरत्वाण | यूकेडी | 3129 | तीसरे स्थान पर रहे |
2012 धनोल्टी की चुनावी तस्वीर भाजपा जीती
प्रत्याशी | दल का नाम | प्राप्त मत | नतीजा |
महावीर रांगड़ | भाजपा | 12081 | जीते |
मनमोहन मल्ल | कांग्रेस | 10933 | 1148 वोट से हारे |
जोत सिंह बिष्ट | निर्दलीय (कांग्रेस बागी) | 10261 | तीसरे स्थान पर रहे |
बहरहाल माना गया कि अगर 2012 के चुनाव में धनोल्टी सीट पर जोत सिंह बिष्ट कांग्रेस के बागी न होते तो धनोल्टी सीट पर कांग्रेस का कब्जा होता। इस बार क्या होगा इस पर सबकी निगाहें। दरअसल धनोल्टी में चुनावी समीकरण बिगड़ने की पूरी संभावना है। भाजपा उम्मीदवार नारायण सिंह राणा के खिलाफ धनोल्टी के सिटिंग विधायक महावीर रांगड़ बगावत करने का मन चुके हैं जबकि प्रीतम पंवार अपनी जिद पर अड़े हैं। तय है कि अगर कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया तो नतीजे चौंकाने वाले मिलेंगे।