नई दिल्ली में आयोजित नेशनल वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट अवार्ड में उत्तराखंड के लाल धान ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। ओडीओपी अवार्ड उत्तरकाशी जिले को दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर के लगभग पांच सौ जिलों के बीच उत्तरकाशी को कृषि की श्रेणी में ये सम्मान मिला है। जबकि राज्य अवार्ड में भी उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिला है।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हासिल इस उपलब्धि से राज्य एवं जिले में खेती-किसानी को लाभदायक व्यवसाय में बदलने की सरकार की मुहिम को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और सम्मान मिलने से राज्य में आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें आजीविका के नए अवसर प्रदान कराने के सरकार के अभिनव और प्रतिबद्ध प्रयाद फलीभूत हो रहे हैं । कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के लाल धान को जीआई टैग और अब राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।
नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आत्म निर्भर भारत उत्सव का आयोजन हुआ। उत्सव का उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने किया। इस दौरान देशभर के जिलों के बीच कृषि की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले ने लाल धान की खेती को लेकर दूसरा स्थान हासिल किया है। इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने हाथों जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला ने जिलों की श्रेणी में प्रथम रनर अप का नेशनल ओडीओपी पुरस्कार ग्रहण किया।
राज्यों के बीच उत्तराखंड को मिला दूसरा स्थान
ओडीओपी अवार्ड में राज्यों के बीच उत्तराखंड राज्य को भी दूसरा स्थान मिला है। जिलों की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले को नेशनल ओडीओपी अवार्ड प्रदान करते हुए केन्द्र सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य व जिले में कृषि के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों को सराहा गया है। सीएम धामी ने राष्ट्रीय स्तर पर मिले सम्मान की सराहना की है। उन्होंने कहा कि टीम वर्क से आगे भी इस तरह के नए उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं। सीएम धामी ने राज्य और जिले की टीम को बधाई दी।
CM ने पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने की मुहिम की थी शुरू
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में विशिष्ट गुणों वाले लाल धान का उत्पादन होता है। जिले के पुरोला क्षेत्र सहित रवांई घाटी में परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती होती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारम्परिक खेती के क्षेत्र में विद्यमान सम्भावनाओं को देखते हुए लाल धान और अन्य पारम्पारिक फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की हिदायत देते हुए अधिकारियों को इस दिशा में प्रतिबद्ध प्रयास करने की अपेक्षा की थी।
सीएम धामी के विजन और मिशन पर अमल करते हुए जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा जिले में लाल धान की पारंपरिक खेती का संरक्षण व संवर्द्धन के लिए बहुआयामी प्रयास करने के साथ ही गंगा घाटी के इलाकों में भी इसकी पैदावार करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर पिछले वर्ष से लाल धान की खेती शुरू करवाई गई। इस मुहिम में स्वयं डीएम अभिषेक रुहेला और अन्य अधिकारी खुद खेतों में उतर कर रोपाई की थी।
किसानों को दी मदद और महत्वपूर्ण जानकारी
जिला प्रशासन ने किसानों को लाल धान के बीज, खाद व अन्य तकनीकी जानकारी देने के साथ ही कृषि विभाग की टीम निरंतर लाल धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को जमीन पर उतारने में जुटी रही।जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने किसानों को तकनीकी जानकारी और अन्य मदद उपलब्ध कराई। उत्साहित किसानों ने बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती को अपनाया।
ऐसा हुआ ओडोओपी पुरस्कार हेतु चयन
वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत उत्तरकाशी जिले सेे लाल धान को पूर्व नामित किया गया था। जिला प्रशासन, कृषि विभाग और उद्योग विभाग ने राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु के लिए गत अगस्त में भारत सरकार से आवेदन किया था। जिसके बाद भारत सरकार के दल ने बीते अक्टूबर व नवंबर माह में जिले का दौरा कर जिले के दावे की पड़ताल की और तय मानकों पर जिले के दावे को उपयुक्त पाया। नेशनल वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) अवार्ड में लाल धान और उत्तरकाशी जिला देश भर से दावेदार लगभग 500 जिलों के बीच सराहना और सम्मान का पात्र बना। इस उपलब्धि पर जिले में हर्ष की लहर है।