अंधेरे में दुश्मनों पर नजर रखना भारतीय सेना के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है। सेना और अर्धसैनिक बलों को इससे बड़ी दिक्कतें होती थीं। अब तक ऐसे उपकरण बनाए गए थे, जो चांदनी रात और में देख सकने वाले उपकरण ही बन पाए थे। अब इस समस्या से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी। जवान दुश्मन की हरकत पर अंधेरे में भी पैनी नजर रख सकेंगें।
आयुध निर्माणी के महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने बताया कि इस उपकरण को विकसित करने में आयुध निर्माणी को छह माह लगे। यह पूरी तरह से थर्मल इमेजिंग पर आधारित है। परीक्षण में यह सेना व अर्धसैनिक बलों की कसौटी पर खरा उतरा। यह इस समय नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात अर्धसैनिक बलों की पहली पसंद बन गया है। पिछले तीन महीनों में 500 से अधिक मोनोकुलर नाइट साइट की आपूर्ति की जा चुकी है।