दुनिया के करीब 23 देशों में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का कहर है। कर्नाटक में मिले दो ओमिक्रॉन संक्रमितों के बाद से देशभर में सुरक्षा और सख्ती बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट में पहली बार 30 से अधिक म्यूटेशन देखने को मिले हैं, जो इसे अन्य वैरिएंट्स अधिक तेजी से फैलने वाला और घातक बनाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वैरिएंट में अधिक म्यूटेशनों के कारण यह आसानी से शरीर में वैक्सीन से बनी इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है।
हेल्थ एक्पर्ट की मानें तो कोरोना के अन्य वेरिएंट्स की तरह ओमिक्रॉन वेरिएंट भी उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जिनकी इम्यूनिटी पहले से ही काफी कमजोर है। इसके अलावा हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कुछ विशिष्ट ब्लड ग्रुप का भी जिक्र किया है। जिनमें कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है।
ऐसे रोगी जिनको, इम्यूनिटी संबंधी दिक्कतें रही हैं, ऐसे लोगों के लिए कोरोना के इस नए वैरिएंट से विशेष बचाव की आवश्यकता है। कई रिपोर्टस में ऐसे लोगों को वैक्सीन के बूस्टर डोज देने की बात की जा रही है, जिससे इन्हें अधिक सुरक्षित किया जा सके। किडनी प्रत्यारोपण, कैंसर, डायबिटीज आदि के शिकार लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, ऐसे लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि कुछ विशेष रक्त समूह वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। सरगंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) द्वारा जारी इस अध्ययन में बताया गया है कि ब्लड ग्रुप ए, बी और आरएच$ वाले लोग कोविड-19 संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जबकि ओ, एबी और आरएच- वाले लागों में संक्रमण का जोखिम कम हो सकता है।
ब्लड ग्रुप और कोरोना के इस नए खतरे के बीच के लिंक को जानने के लिए कई स्तर पर जांच की गई। इसमें कुछ रक्त समूह वाले लोगों को अधिक संवेदनशील पाया गया है। इसके अलावा माना जा रहा है कि 60 साल से कम उम्र के एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कोविड संक्रमण का खतरा ज्यादा हो सकता है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने चाहिए।