देहरादून- दुनिया बनाने वाले ने देवभूमि उत्तराखंड को सब कुछ दिया। बेशुमार जल, हरे-भरे जंगल खूबसूरत और हसीन पहाड़, लाजवाब मौसम। बावजूद इसके सूबे के नौजवान मैदानों में रोटी तलाशने को मजबूर हैं। हालांकि डबल इंजर सरकार में दावा किया जा रहा है कि ये हालात ज्यादा दिन नहीं चलेंगे। राज्य का पानी और जवानी दोनों राज्य के काम आएगे। उत्तराखंड पर्यटन के नक्शे पर उभरेगा सरकार इसके लिए नई पॉलिसी के तहत काम कर रही है।
बहरहाल पर्यटन विभाग प्रदेश के केदारनाथ, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब और मसूरी रोप-वे का काम नए सिरे से करने जा रहा है। आधुनिक तरीके से बनाए जाने वाले इन रोप-वे पर नए सिरे से काम होगा। मसूरी-देहरादून रोप-वे का रास्ता बदला जा रहा है। यमुनोत्री व हेमकुंड साहिब रोप-वे के लिए फिर से टेंडर किए जाएंगे तो वहीं केदारनाथ रोप-वे का केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत बनाए जाने की तैयारी है।
मतलब साफ है कि आने वाले वक्त में अगर बोलने में और काम करने में कोई फर्क न हुआ तो जल्द ही राज्य के कई धार्मिक और पर्यटक स्थल रोप-वे से जुड़ जाएंगे, बिल्कुल स्वीट्जरलैंड की तरह सैलानी छुट्टियों का सूबे में लुत्फ लेंगे। हालांकि राज्य में अभी कई अहम रोप-वे पर काम शुरू नहीं हो पाया है। लेकिन नई सरकार ने कमर कस ली है ऐसा बताया जा रहा है।
जिसके तहत सरकार की महत्वपूर्ण देहरादून-मसूरी, रोप-वे योजना में का अब रास्ता बदलने की तैयारी है। अब इस रोप-वे को कुठालगेट से लाइब्रेरी चौक तक लाने का प्लान बन रहा है। कुठाल गेट में तीन जगह देखी गई हैं, तीनों में से किसी एक को चिह्नित किया जाएगा। इसी प्रकार लाइब्रेरी चौक के पास भी जगह देखी जा रही है।
वहीं यमुनोत्री रोप-वे पर अब फिर से टेंडर निकाले जाएंगे। इसके लिए संशोधित डीपीआर बनाई जा रही है। इसमें खरसाली व जानकी चट्टी को यमुनोत्री से जोड़ा जाएगा। तो केदारनाथ रोप-वे पर भी जल्द डीपीआर तैयार की जाएगी। उधर हेमकुंड साहिब रोप-वे का टेंडर ले चुकी गैरजिम्मेदार कंपनी पर सख्त होने का भी प्लान बन रहा है। दरअसल कंपनी ने अब तक काम शुरू नहीं किया है। माना जा रहा है कि इस पर भी फिर से टेंडर दिए जा सकते हैं। राज्य के पर्यटन सचिव मीनाक्षी सुंदरम की माने तो रोप-वे को लेकर सरकार बेहद गंभीर है और प्राथमिकता में केदारनाथ, यमुनोत्री और हेमकुंड है। जल्द ही इन पर कार्य शुरू किया जाएगा।