मलिन बस्तियों के लिए लाए गए अध्यादेश की समय सीमा इसी महीने अक्टूबर में समाप्त होने जा रही है। जिस से मलिन बस्तियों के उजड़ने पर तलवार लटक सकती है। लेकिन माना जा रहा है कि सरकार एक बार फिर से मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश ला सकती है।
मलिन बस्तियों के अध्यादेश की बढ़ाई जा सकती है समयसीमा
मलिन बस्तियों के लिए लाए गए अध्यादेश की समय सीमा समाप्त होने वाली है। जिसके बाद माना जा रहा है कि सरकार फिर मलिन बस्तियों के लिए तीन साल के लिए अध्यादेश ला सकती है। इस मामले को लेकर शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल का बयान आया है। उनका कहना है कि मलिन बस्तियों के हक में सरकार फैसला लेगी। आज या कल में इसे लेकर निर्णय ले लिया जाएगा।
साल 2018 में लाई थी सरकार अध्यादेश
बता दें कि साल 2017 में हाईकोर्ट के एक आदेश से मलिन बस्तियों का अस्तित्व खतरे में आ गया था। जिसके बाद इन मलिन बस्तियों को बचाने के लिए उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद ने बड़ा जन आंदोलन चलाया था। जिसके एक साल बाद सरकार को 2018 में एक अध्यादेश लाना पड़ा था। जिसके बाद तीन साल के लिए मलिन बस्तियों पर से खतरा टल गया। इसके बाद साल 2021 में फिर से अध्यादेश लाया गया।
एक बार फिर से लाया जा सकता है अध्यादेश
बता दें कि इस अध्यादेश की समय सीमा इसी महीने अक्टूबर 2024 में खत्म होने जा रही है। जिसके बाद मलिन बस्तियों के उजड़ने पर एक बार फिर से तलवार लटक सकती है। लेकिन इसी बीच प्रेम चंद अग्रवाल का बयान सामने आया है कि जल्द ही सरकार मलिन बस्तियों के हक में फैसला लेगी। जिसके बाद उम्मीद जगी है कि सरकार फिर से अध्यादेश ला सकती है।