प्रदेश भर में बिजली के दाम में बढ़ोतरी हुई है तो किसानों को इस से कुछ राहत मिलती नजर आ रही है। प्रदेश के किसानो को जो बिल छह माह में देना होता था वो अब दो माह में देना होगा। साथ ही किसानों का कनेक्शन बिल नहीं देने पर भी चार माह तक नहीं काटा जाएगा।
किसानों को इतनी मिली छूट
बता दें किसानों को पांच प्रतिशत की छूट मिली है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने किसानों के लिए बिजली दरें 2.15 रुपये से बढ़ाकर 2.30 रुपये प्रति यूनिट कर दी है। गुरुवार को आयोग के सदस्य तकनीकी एमके जैन ने बताया कि किसानों का कहना था कि छह माह में ट्यूबवेल का भारी भरकम बिल आता है।
चार माह तक नहीं कटेगा कनेक्शन
जानकारी के मुताबिक किसानों का एक बिल दिसंबर में आता था, जिसका भुगतान अप्रैल तक करना होता था। दूसरा बिल जून में आता था, जिसका भुगतान अक्टूबर तक करना होता था। इस वजह से किसान को उसे देने में परेशानी होती थी।
आयोग ने इसे देखते हुए फैसला लिया की हर दो माह में किसानों को बिल का भुगतान करना होगा। साथ ही बिल समय से जमा ना कराने वाले किसानों का कनेक्शन 4 महीने से पहले नहीं कटेगा।
मत्सय पालकों को व्यावसायिक श्रेणी से हटाकर कृषि में किया शामिल
बता दें प्रदेश में सात हजार मत्स्य पालक अभी तक व्यावसायिक श्रेणी में आते थे। विद्युत आयोग ने पहली बार इन्हें कृषि श्रेणी में शामिल कर लिया है। व्यावसायिक से कृषि बनने पर इन मत्स्य पालकों को हर वर्ष 60 से 80 हजार रुपए की बचत होगी।