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एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों से डोली उत्तरकाशी की धरती, 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें हुई ताजा

Yogita Bisht
4 Min Read
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उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस बार उत्तरकाशी में 2.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। लेकिन यहां सिर्फ एक बार नहीं बल्कि तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिससे लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर आ गए। इस भूकंप से उत्तरकाशी में 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा हो गई। एक साथ भूकंप के तान झटके महसूस होने से लोगों को 1991 के विनाशकारी भूकंप जैसी अनहोनी का डर सताने लगा।

एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों से डोली उत्तरकाशी की धरती

प्रदेश में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। उत्तराकाशी में एक के बाद एक भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए। जिसके बाद लोगों में डर का महौल बन गया। झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। पहला झटका रात 12:40, दूसरा झटका 12:45 व तीसरा झटका 01:01 पर महसूस किया गया। 

रिक्टर स्केल पर 2.5 रही भूकंप की तीव्रता

भूकंप के इन झटकों की तीव्रता 2.5 थी। भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 12ः45 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.5 थी। इसके साथ ही सिर्फ उत्तराखंड में ही नहींं बल्कि श्रीनगर, जम्मू कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल इस दौरान किसी तरह के जान-माल की कोई सूचना नहीं है।

भूकंप आने पर घरों से बाहर निकल आए लोग

21 मिनट के भीतर ही भूकंप के तीन झटकों के आने से लोगों में दहशत मच गई। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। मिली जानकारी के मुताबिक रात में अचानक ही खिड़की दरवाजे जोर से बजने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद घरों में और किचन में रखा सामान भी गिरने लगा। जिसके बाद लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।

1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें हुई ताजा

लगातार एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों ने लोगों को उत्तकाशी में आए 1991 के विनाशकारी भूकंप की याद दिला दी। इस भूकंप को याद कर लोग सहम गए। 20 अक्तूबर 1991 को आए भूंकप ने भारी कहर बरपाया था। इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.6 थी।

1991 में आए इस भूकंप में 768 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके साथ ही इस त्रासदी में 20 हजार से ज्यादा आवासीय भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। बीती रात अचानक आए भूकंप से लोग बहुत डर गए।

क्योंकि उस समय भी रात को लोग अपने घरों में सोए हुए थे। तभी रात करीब 2ः53 बजे अचानक भूकंप आ गया। इस से पहले की लोग कुछ समझ पाते तब तक सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए थे। उसके बाद से जब भी उत्तरकाशी में जब भी भूकंप के झटके महसूस होते हैं तो लोग 1991 को भूकंप को याद कर सिहर उठते हैं। 

तीन दिन पहले पौड़ी में भी आया था भूकंप

तीन दिन पहले ही 2 मार्च को पौड़ी गढ़वाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसके बाद अब उत्तरकाशी में भूकंप के लगातार तीन झटके महसूस किए गए हैं। वैज्ञानिक उत्तराखंड के लिए पहले ही किसी बड़े भूकंप के आने की चेतावनी दे चुके हैं। तुर्की और सीरीया में भूकंप से मची तबाही के बाद वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में बड़े भूकंप के लिए चेतावनी जारी की है। ऐसे में लगातार एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस होने से लोग भयभीत हो गए हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।