कांग्रेस में अंर्तकलह सुलझाने प्रयवेक्षक बनकर आए पीएल पुनिया ने कल देर शाम तक बंद कमरे में कांग्रेस के नेताओं से बात की। लेकिन बंद कमरे में पिलाई गई ये अनुशासन की घुट्टी काम करती नजर नहीं आ रही है। बाहर आते ही फिर प्रदेश प्रभारी को लेकर विरोध देखने को मिला है।
बंद कमरे में पिलाई अनुशासन की घुट्टी बाहर काम नहीं आई
पीएल पुनिया ने नेताओं के साथ देर शाम तक बंद कमरे में बातचीत की। ये बातचीत पार्टी में अंर्तकलह सुलझाने और गुटबाजी को दूर करने के लिए की गई। लेकिन बंद कमरे से बाहर आते ही फिर से कुछ कांग्रेसी नेताओं के वही तेवर देखने को मिले।
प्रदेश प्रभारी को हटाने की फिर उठी मांग
कमरे से बाहर आते ही द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट ने तो मीडिया के सामने ऐसे बयान दिया कि एक बार फिर कांग्रेस की अंर्तकलह सबके सामने आ गई। उन्होंने फिर से प्रदेश प्रभारी को हटाने की मांग दोहरा दी। तो वहीं इस मामले में प्रीतम सिंह कुछ भी खुलकर बोलने से बचते नजर आए।
प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बदले गए तो प्रभारी क्यों नहीं
उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी को पार्टी नहीं बनना चाहिए था। वो पार्टी बनकर काम कर रहे हैं। जब पार्टी आलाकमान चुनाव में हार के बाद ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदल दिया तो फिर प्रभारी को क्यों नहीं बदला गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संगठन में गलत के खिलाफ वो पहले भी आवाज उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे।
संगठन स्तर पर हमारी तैयारियां कहीं नहीं दिखाई देती
विधायक मदन बिष्ट ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ कई सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में माइक्रो मैनेजमेंट के साथ काम करती है। लेकिन हमारी संगठन स्तर पर तैयारियां कहीं नहीं दिखाई देती हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी में संगठन चुनाव लड़ाता है। जबकि कांग्रेस में प्रत्याशी खुद ही चुनाव लड़ रहा होता है। उन्होंने कहा वो एक बार फिर से मांग करते हैं कि प्रभारी को बदला जाना चाहिए।