वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को अस्पताल प्रशासन के साथ बैठक की जिसमे शासन के अधिकारियों समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और भाजपाई भी मौजूद रहे। बैठक में भाजपाइयों ने अस्पताल स्टाफ के व्यवहार के प्रति नाराजगी जाहिर की। विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि एक बार वह ईसीजी कराने पहुंचे, तब अस्पताल में उनके परिचित डॉक्टर नहीं थे। वह खुद ही ईसीजी रूम में पहुंच गए तो वहां मौजूद डॉक्टर ने उनसे अच्छा व्यवहार नहीं किया। उसके बाद सीएमएस डॉ. मणिभूषण पंत मिले और उन्होंने ईसीजी करवाया। उन्होंने कहा कि जब विधायक के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो फिर आम जनता का क्या हाल होगा।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। कहा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने और मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए अब सरकार ने अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक इलाज फ्री कर दिया है। कहा अगली कैबिनेट बैठक में सरकार इस प्रस्ताव को पारित करेगी।