टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए यात्रियों का अंत हो चुका है। पनडुब्बी के लापता होने का बाद आज उनकी मौत की खबर भी सामने आई है। इसी के साथ उनकी मौत कैसे हुई इस बात की जानकारी भी समाने आ गई है। बताया जा रहा है कि विनाशकारी अंतःस्फोट में पनडुब्बी तबाह हो गई है।
अंतःस्फोट के कराण पनडुब्बी खत्म
बताया जा रहा है कि विस्फोट में कोई भी चीज जब अंदर से बाहर की तरफ फटती है, लेकिन वहीं अंतःस्फोट में बाहर से अंदर की तरफ दबाव के चलते धमाका होता है। समुद्र के अंदर फोरेंसिक जांच के विशेषज्ञ टॉम मैडॉक्स ने मीडिया रिपोर्ट में बताय कि पनडुब्बी में किसी ढांचागत खामी की वजह से, पनडुब्बी उस पर पड़ने वाले बहुत ज्यादा दबाव को झेल नहीं सकी और धमाके में बिखर गई।
छोटा सा लीक और अंतःस्फोट- विशेषज्ञ
वहीं विशेषज्ञों भी इस मामले को लेकर अपनी राय दे रहे हैं। उनके मुताबिक समुद्र की गहराई में पानी का किसी भी चीज पर दबाव बहुत ज्यादा होता है। यह चार-पांच हजार पौंड प्रति वर्ग इंच तक हो सकता है, जो धरती के मुकाबले 350 गुना ज्यादा होता है। ऐसे में पनडुब्बी में कोई छोटी सी खामी भी भारी पड़ सकती है। पनडुब्बी में छोटा सा लीक भी अंतःस्फोट का कारण बन सकता है।
पांचो यात्रियों के शव नहीं मिलेंगे
वहीं ये माना जा रहा है कि पांचो यात्रियों के शव नहीं मिल पाएंगे। बताया जा रहा है कि बता दें कि टाइटैनिक जहाज का मलबा अटलांटिक महासागर में करीब 13 हजार फीट की गहराई में मौजूद है। इतनी गहराई में पानी का किसी भी वस्तु पर दबाव करीब 5600 पौंड प्रति वर्ग इंच तक हो सकता है। पनडुब्बी में किस जगह विस्फोट हुआ होगा, ये अभी पता नहीं चल सका है। सर्च अभियान जारी है लेकिन मलबा मिलने की संभावना कम आंक जा रही है।
पनडुब्बी में यह यात्री थे सवार
पनडुब्बी में टाइटैनिक जहाज के अवशेष को देखने के लिए पांच सदस्यों को ले जाने की क्षमता थी। इसमें ब्रिटिश व्यवसायी हामिश हार्डिंग, ब्रिटिश-पाकिस्तानी व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान, ओशनगेट के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टॉकटन रश और फ्रांसीसी पायलट पॉल-हेनरी नार्गोलेट इस पनडुब्बी में सवार थे।