उत्तराखंड में सबसे बड़ी बाघ की खाल को पुलिस ने बरामद किया है। जिसकी लंबाई 11 फीट है। इसके साथ पुलिस ने चार तस्करों को भी गिरफ्तार किया है।
उत्तराखंड में बरामद हुई सबसे बढ़ी बाघ की खाल
प्रदेश में पुलिस ने 11 फीट बाघ की खाल को बरामद किया है। जो कि उत्तराखंड में मिली अब तक की सबसे बड़ी बाघ की खाल है। मुखबिर की सूचना पर कुमाऊं एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त टीम ने पहेनिया टोल प्लाजा के पास चेकिंग के दौरान इसे बरामद किया है।
चार वन्य जीव तस्कर गिरफ्तार
उत्तराखंड राज्य में वन्यजीवों के अवैध शिकार एवं वन्यजीवों के अवैध व्यवसाय पर रोक लगाने के उद्देश्य से एसटीएफ उत्तराखंड, वाइल्डलाइफ क्राइम ब्यूरो दिल्ली एवं तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की संयुक्त टीम ने खटीमा क्षेत्र में संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक टाइगर की खाल व दस किलो चार सौ ग्राम टाइगर की हड्डियों के साथ चार शिकारियों को पकड़ा है।
कई दिनों से मिल रही थी अवैध शिकार की मिल रही थी सूचना
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए मीडिया को बताया कि बीते कई दिनों से कुमाऊं क्षेत्र के जंगलों से वन्य जीवों के अवैध शिकार एवं व्यवसाय की सूचना मिल रही थी।
जिस पर कार्रवाई करते हुए चार वन्यजीव तस्करों को भारी मात्रा में वन्यजीवों के अंगों हड्डियों के साथ ही 11 फीट की एक टाइगर की खाल के साथ गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों से एक बोलेरो कार भी बरामद की है।
पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं चारों आरोपी
पकड़े गए चारों आरोपी किशन कुमार, गजेंद्र सिंह, संजय कुमार, हरीश कुमार जनपद पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। जो टाइगर की खाल और हड्डियों को खटीमा बेचने आए थे। एसटीएफ उत्तराखंड और वन विभाग की संयुक्त टीम ने चारु शिकारियों को पकड़ा।
कहां किया गया बाघ का शिकार ?
पकड़े गए आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव अधिनियम की धाराओ के तहत मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है। वहीं बरामद टाइगर की खाल के लिए कहां शिकार किया गया इसकी जांच की जा रही है। वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध वन विभाग की कार्रवाई आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।