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प्रदेश में परीक्षाओं की गड़बड़ी पर फिर गर्माया माहौल, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष से की तत्काल इस्तीफे की मांग

Yogita Bisht
4 Min Read
Garima

रविवार को हुई कनिष्ठ सहायक की भर्ती में गड़बड़ी को लेकर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के बयान के बाद एक बार फिर प्रदेश में महौल गर्माया हुआ है। कांग्रेस ने सीएम धामी और आयोग के अध्यक्ष से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।

तत्काल स्तीफा दें मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष

पांच मार्च रविवार को लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई कनिष्ठ सहायक की भर्ती परीक्षा में उठे सवालों पर राज्य सरकार को और लोक सेवा आयोग पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा है कि जो सरकार एक भर्ती परीक्षा ठीक तरह से नहीं करा पा रही है, उस सरकार को सत्ता पर काबिज रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

6 सालों से बीजेपी की सरकार में अनेकों भर्ती परीक्षाएं हुई लीक

इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जब से पिछले 6 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्तारूढ़ हुई है। राज्य में अनेकों भर्ती परीक्षाएं लीक हुई। इसके साथ ही उनमें भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकार्यों की संलिप्तता पाई गई हैै। लेकिन अगर भूतकाल की सभी भर्ती परीक्षाओं में हुए गोलमाल और भ्रष्टाचार को छोड़ भी दिया जाए तो नए साल में ही यह चौथी भर्ती परीक्षा है जो सवालों के घेरे में है।

कनिष्ठ सहायक की भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्र के चारों सेट थे एक दूसरे की रेप्लिका

गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि रविवार को हुई कनिष्ठ सहायक की भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र के चार सेट दिए गए थे, जिनमें बहुत अधिक त्रुटियां देखी गई। प्रश्न पत्रों में और ओएमआर में क्रमांक संख्या एक होनी चाहिए। लेकिन वह भी अलग-अलग थी वही चारों सेट यानी कि A,B,C,D आपस में एक दूसरे के रेप्लिका थे।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र में 1 से 100 तक जितने भी सवाल पूछे गए थे उनका सीरियल नंबर तक नहीं बदला गया था।ऐसे में दसौनी ने आयोग से सवाल किया करते हुए कहा कि चार सेट बनाने की जेहमत ही आयोग ने क्यों उठाई? एक ही सेट सभी अभ्यर्थियों को परोस दिया जाना चाहिए था।

युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए राज्य सरकार कर रही मजबूर

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए राज्य सरकार खुद मजबूर कर रही है। युवा बार-बार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं परंतु राज्य सरकार एसआईटी द्वारा की गई जांच को काफी बता रही है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस के ही आला अधिकारी इन भर्ती परीक्षाओं में संलिप्त हुए तो एसआईटी के जूनियर अधिकारी उनका क्या बिगाड़ लेंगे। दसौनी ने कहा की हो ना हो विधानसभा बैक डोर नियुक्तियों में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता ऐसा नहीं बचा है जिसका रिश्तेदार विधानसभा के अंदर नौकरी ना पाया हो।

उसी तरह से भर्ती परीक्षाओं में भी मुख्यमंत्री धामी को यह डर सता रहा है कि हाकम सिंह ,संजय धारीवाल और नितिन चौहान के बाद पता नहीं और कितने सफेदपोश इस पूरे सिंडिकेट में जुड़े होंगे?

तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दें मुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि अब तो पानी सर से ऊपर जा चुका है। उत्तराखंड की बहुत ज्यादा किरकिरी हो चुकी है। प्रदेश का युवा हताश और निराश है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं को अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। ऐसे में एक अदद परीक्षा तक पारदर्शिता से ना कराए जाने की नाकामी के लिए धामी सरकार को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।