भारतीय मूल (Indian-origin) की बेटी सुनीता विलियम्स ने एक और अचिवमेंट अपने नाम कर दिया हैं। अंतरिक्ष यात्री (Astronaut) सुनीता विलियमस (Sunita Williams ) अंतरिक्ष यान(spacecraft) को उड़ाने वाली पहली महिला बन गई हैं। 58 साल की सुनीता विलियम्स ने 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी बुच विल्मोर के साथ बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर उड़ान भर कर इतिहास रच दिया।
भारत की बेटी Sunita Williams ने रचा इतिहास
इससे पहले सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) ने अपना नाम सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में समय बिताने वाली महिला के रुप में दर्ज कराया था। गुजरात के अहमदाबाद में जन्मी सुनीता ने साल 2006 में सबसे पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखा। साल 2008 में सुनिता को साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया।
अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बनी Sunita Williams
सुनिता ने कई खिताब अपने नाम किए हैं। फिर चाहे वो अंतरिक्ष में लंबे समय तक रुकने का रिकॉर्ड हो या फिर 50 घंटे तक स्पेस वॉक करने का। इसी के साथ अब सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बनने का रिकॉड भी अपने नाम कर लिया है।
बता दें की सुनीता विलियम्स और विल्मोर स्पेस स्टेशन पर लगभग एक हफ्ते तक रहकर अपने अभियान जारी रखेंगे। स्टारलाइन पर उनका मिशन कॉमर्शियल पार्टनरशिप के जरिए अंतरिक्ष तक मानवता की पहुंच का विस्तार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या है ये मिशन?
दरअसल बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट CFT नाम का ये मिशन नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के रुप में लॉन्च किया गया है। ये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रेग्युलर क्रू फ्लाइट के मद्देनजर स्टारलाइन को प्रमाणित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अगर ये मिशन सफल रहा तो ये अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन तक लाने और ले जाने वाला दूसरा निजी अंतरिक्ष यान बना देगा। बता दें कि अभी SpaceX का क्रू ड्रैगन एकमात्र ऐसा यान है जो धरती पर जरूरी चिंजों को वापस ला सकता है।बताते चलें की ये कैप्सूल की तीसरी टेस्ट फ्लाइट थी।ये कैप्सूल की अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहली उड़ान भी थी।