उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक सरकारी विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों को छात्रों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं पर कथित तौर पर जय श्री राम और क्रिकेटरों के नाम लिखकर परीक्षा देने के बाद निलंबित कर दिया गया है। यह घटना तब सामने आई जब वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविघालय के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने पिछले साल 3 अगस्त को एक आरटीआई दायर की, जिसमें 18 प्रथम वर्ष के फार्मेसी पाठ्यक्रम के छात्रों के रोल नंबर प्रदान करके उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई।
पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर विनय वर्मा और आशीष गुप्ता ने छात्रों को पास करने के लिए रिश्वत ली। उन्होनें राज्य के राज्यपाल को साक्ष्य सौंपते हुए एक हलफनामे के साथ एक औपचारिक शिकायत दर्ज की।
बेवजह के उत्तर में भी किया पास
सबूतों ने परीक्षा प्रक्रिया में विसंगतियों को उजागर किया और यह पता चला कि जिन छात्रों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं पर जय श्री राम जैसे नारे और रोहित शर्मा, विराट कोहली, हार्दिक पांड्या जैसे क्रिकेटरों के नाम लिखे थे, और टीचर ने उन्हें बेवजह गलत उत्तर लिखने पर भी पास कर दिया वो भी 50 प्रतिशत से अधिक अंक के साथ।
पुस्तिकाओं का बाहरी मूल्यांकन में विसंगतियां
वहीं छात्र का शिकायत पत्र और शपथ पत्र मिलने पर राजभवन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 21 दिसंबर, 2023 को जांच का आदेश दिया। जवाब में, विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक जांच समिति बुलाई। उत्तर पुस्तिकाओं का बाहरी मूल्यांकन एक जांच समिति द्वारा किया गया था, जिसमें विसंगतियां सामने आईं, जहां छात्रों को क्रमश: 0 और 4 अंक दिए गए थे।
दोनों शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का निर्णय
विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक बुलाई और इसमें फार्मेसी विभाग के दो शिक्षकों को गलत मूल्यांकन का दोषी माना गया है। कुलपति ने कहा दोनों शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया है और अंतिम निर्णय के लिए इसे कार्यपरिषद के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।