विशेष संवाददाता – उत्तराखंड कांग्रेस में जहां बड़ी बगावत के बाद कांग्रेस और हरीश रावत जहां असहज हो गये थे वहीं सूबे के भाजपाइयों ने भी जमकर जश्न मनाया था । भाजपा की हालत राष्ट्रपति शासन में उस दूल्हे से कम नजर नही आ रही थी जिसके सर पर बस पगड़ी ही बंधने वाली हो। ”आजकल पांव जमी पर नही पड़ते मेरे ” की तर्ज पर भाजपाई कांग्रेसी बगावतियों के साथ बिन सावन ही झूला ही झूलने लग गये थे ।
हलांकि सुप्रीम कोर्ट से बाजी पलटने के बाद ताजा हालात मे जो चक्रव्यूह भाजपा ने कांग्रेस के लिये रचा था अब खुद उसी मे फंसी हुई नजर आ रही है । इसकी वजह है कांग्रेस से बगावत करके भाजपा मे आये हुये दिग्गज । दरअसल इन दिग्गजों के आने से जहां संघ के कार्यकर्ताओं से लेकर भाजपा के नेता तक अंदरखाने असंतुष्ट हैं वहीं आम भाजपा कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
इसी सिलसिले में देहरादून के एक होटल मे पिछले दिनों जब भाजपा के पूर्व विधायकों की बैठक हुई तो उस बैठक मे भी जोर शोर से कांग्रेसी बगावतियों को टिकट दिये जाने की कीमत पर पार्टी को अंजाम भुगतने की चेतावनी अपरोक्ष रूप से भाजपा के पूर्व विधायकों ने दे डाली। इन पूर्व विधायकों का कहना भी सही था़ कि आज तक हमारे प्रदेश के आलाकमान ने बहुगुणा को आपदा चोर , हरक सिंह को व्यभिचारी और तमाम नेताओं को भ्रष्ट्राचारी कहलवाया है, अब हम किस मुंह से इन्ही नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगायेंगे, कमोबेश यही शब्द भाजपा के हर कार्यकर्ता के मुंह से निकल रहे हैं ।
इनमे से कुछ पूर्व विधायकों का ये कहना है कि अगर पार्टी ने हमारा टिकट काट कर कांग्रेस से आये भ्रष्ट बागियों को टिकट दिये तो वो अपना रास्ता खुद चुनेंगे। इनमे से कई पूर्व विधायक कांग्रेस के संपर्क मे भी आ गये हैं। बात बिल्कुल साफ हो गई है कि भाजपा खुद अपनी बिछाई बिसात पर बड़ी बगावत का सामना करने जा रही है। हांडी चढ़ चुकी है आग भी है, धुंआ भी है, बस कसर है हांडी फूटने की ।