सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू का आज 15वां दिन है। सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग 15 मीटर तक कर दी गई है। जबकि इसके अलावा तीन अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
15 मीटर तक हुई वर्टीकल ड्रिलिंग
रविवार शाम तक मशीन ने 15 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली है। जबकि 86 मीटर की ड्रिलिंग शेष है। विशेषज्ञों का कहना है की अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो दिन में ड्रिलिंग पूरी कर ली जाएगी। रेस्क्यू टीम अब वर्टीकल ड्रिल कर श्रमिकों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। रेस्क्यू अभियान को आगे बढ़ाने के लिए 4 प्लान पर विचार किया जा रहा है ।
प्लान नं 1 ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटकर निकाला जाएगा। जिसके बाद मैन्युअली यानि की मजदूर हाथों से खुदाई चालू कर मलबा निकालने का काम करेंगे।
प्लान नं 2 दूसरे प्लान के तहत निर्माणाधीन सुरंग के ऊपरी क्षेत्र से वर्टिकल ड्रिलिंग कि जाएगी। इस प्लान पर काम तेजी से किया जा रहा है। अभी तक रेस्क्यू टीम 15 मीटर तक ड्रिलिंग कर चुकी है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना था की वर्टिकल ड्रिलिंग एक विकल्प जरूर है लेकिन संभव है कि इसे अंतिम विकल्प के रूप में रखा जाए।
प्लान नं 3 तीसरे प्लान पर तेजी से काम जारी है। बता दें की तीसरे प्लान में सुरंग के दूसरे छोर बड़कोट की तरफ से 500 मीटर खुदाई की जानी है। बाताया जा रहा है की इस प्लान को सफल होने में 12-13 दिन का समय लग सकता है।
प्लान नं 4 चौथे प्लान के तहत टनल के दोनों किनारों पर हॉरिजेंटल ड्रिलिंग की जानी है। इस प्लान के लिए सर्वे भी हो चुका है।
सुरंग के मुहाने से रिसने लगा पानी
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं। वैसे वैसे नई-नई दिक्कतें सामने आ रही हैं। टनल के प्रवेश द्वार पर पानी रिसने लगा है। जिसने सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है की ये एक सामान्य घटना है। इस पर इतना चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
बारिश और बर्फबारी के आसार
मौसम विभाग ने कल से अगले तीन दिनों तक बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। ऐसे में सिलक्यारा टनल में चल रहे बचाव अभियान पर भी इसका आसार देखने को मिलेगा।