केंद्र सरकार के द्वारा जिस तरीके से योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग का गठन किया गया। ठीक उसी तर्ज पर उत्तराखंड में राज्य योजना आयोग को समाप्त कर अब सेतु आयोग का गठन किया जा रहा है। जिसकी अधिसूचना भी जारी हो गयी है।
सेतु आयोग इस तरह करेगा काम
अधिसूचना जारी होने के साथ ही क्या कुछ कामकाज सेतु आयोग का होगा और किस तरीके का ढांचा सेतु आयोग का होगा ये भी स्पष्ट हो गया है। सेतु आयोग के कामकाज की बात करें तो प्रदेश में किस तरीके से विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। उसके मॉडल को भी सेतु आयोग निर्धारित करेगा।
इसके साथ ही प्रदेश में नियंत्रित तरीके से विकास कार्य आगे बढ़े। इसका भी नियोजन सेतु आयोग करेगा। जबकि प्रदेश में निवेश से लेकर राज्य अस्थापना का कामकाज भी सेतु आयोग देखेगा। साथ ही आर्थिक रोजगार पब्लिक फाइनेंस और सोशल सेंटर के तहत किस तरीके से आगे बढ़ना है। यह भी सेतु आयोग तय करेगा।
ऐसा होगा सेतु आयोग का ढांचा
सेतु आयोग किस तरह काम करेगा ये तो आप समझ गए होंगे। लेकिन सेतु आयोग का का ढांचा किस तरह होगा उसे भी समझ लीजीए है। सेतु आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री संभालेंगे तो वहीं सेतु आयोग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी नियोजन मंत्री के ऊपर होगी। अगर विभाग नियोजन मुख्यमंत्री के पास होगा तो फिर मुख्यमंत्री किसी मंत्री को इसके लिए नॉमिटेट करेंगे, जबकि सभी मंत्री सेतु आयोग के सदस्य होंगे।
ये है सेतु आयोग की फुल फॉर्म
सेतु आयोग में सीओ की भी तैनाती होगी तो वही सलाहकार भी नियुक्त होंगे, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भी नियुक्ति होगी। जबकि राज्य योजना आयोग का जो स्टॉफ था। वो सेतु आयोग में मर्ज हो जाएगा। सेतु आयोग कि फुल फॉर्म की बात करें तो सेतु आयोग की फुल फॉर्म स्टेट इंस्टिट्यूट इम्पावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड है।
अधिसूचना हुई जारी
नियोजन सचिव मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि सेतु आयोग के गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके साथ ही किस तरीके का ढांचा सेतु आयोग का होगा ये भी बना दिया गया है।
सेतु आयोग के गठन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य में निवेश और राज्य स्थापना को लेकर सेतु आयोग काम करेगा,साथ ही अब तेजी से काम होंगे।
इनपुट – मनीष डंगवाल