आंध्र प्रदेश के नरसरावपेट में महात्मा गांधी के दूसरे मंदिर का उद्घाटन हो गया है। इस मंदिर का निर्माण कराने वालों का कहना है कि वह गांधी के सिद्धांतों और दर्शन से प्रेरित है और इसी वजह से उन्होनें मंदिर का निर्माण कराया है।
ये लोग हुए मंदिर के उद्घाटन में शामिल
बता दें कि इस मंदिर के उद्घाटन समारोह में लोकल डेलिगेसन, राजनेता और गांधीवादी स्कॉलर और गांधीवादी स्कॉलर के लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में आधुनिक समय में गांधी की प्रासंगिकता और भारत के स्वतंत्र आंदोलन में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया।
मंदिर के संस्थापक श्रीपाल रेड्डी और भूपाल रेड्डी ने युवा पीढ़ी के बीच गांधी के मूल्यों और आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
मंदिर के संस्थापक श्रीपाल ने क्या कहा?
मंदिर के संस्थापक श्रीपाल रेड्डी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा, गांधी की अहिंसा, सत्य और आत्मनिर्भरता की शिक्षाएं आज पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक हैं। हमें उम्मीद है कि यह मंदिर हमारे समुदाय के लिए प्रेरणा के स्त्रोत के रुप में काम करेगा।
Mahatma Gandhi की लाइफ-साइज प्रतिमा
बता दें कि मंदिर में महात्मा गांधी की लाइफ-साइज प्रतिमा है। मंदिर में उनके जीवन और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। ये मंदिर पलनाडु जिले स्थित नरसरावपेट के प्रकाश नगर में है।