हल्द्वानी: शिक्षा और खेल मंत्री अरविंद पांडे ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने इस दौरान बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है, जो स्कूलों से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखेगा और प्राइवेट स्कूलों को रेगुलेट करेगा।
उन्होंने कहा कि इससे पठन-पाठन, ड्रेस, स्कूल सहित फीस और अध्यापकों के वेतन का समाधान होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राधिकरण शिक्षा महानिदेशक के निर्देशन में संचालित होगा। साथ ही कहा कि यह शिक्षा में हो रही धांधली पर निगरानी रखेगा।
अरविंद पांडे ने कहा कि विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन विद्यालय शिक्षा की व्यवस्था और अभिभावकों की शिकायतों के समाधान के लिए बनाया गया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह किस तरह काम करेगा और प्राधिकरण को क्या-क्या अधिकारी होंगे।
नई शिक्षा नीति लेकर कहा कि नीति में मातृ भाषा को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है। शिक्षा मंत्री पांडे ने कहा कि गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों की भी जरूरत के अनुसार तैनाती की जाएगी। कक्षा पांच तक बंगाली, गुरुमुखी जौनसारी, कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषा पढ़ाई जाएगी।