प्रदेश के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में कई सड़कें बंद हैं। जिस कारण मौसम की मार के बाद अब लोगों को मंहगाई की मार झेलनी पड़ रही है। आलम ये है कि लोगों को दो महीने से बंद सड़कों को खुलवाने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में दो महीने से बंद हैं तोमिक की सड़क
पिथौरागड़ में लोगों पर मौसम की मार के बाद अब मंहगाई की मार पड़ रही है। पिथौरागढ़ की मुनस्यारी के सबसे दुर्गम क्षेत्र ग्राम पंचायत तोमिक की सड़क बीते दो महीने से बंद है।
झापुली से तोमिक और गैला से तोमिक सड़क दो महीने पहले मलबा आने के कारण बंद है। दो महीने बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं खुल पाई है जिस कारण लोगों पर अब महगाई की मार पड़ रही है।
जनप्रतिनिधि और अधिकारी नहीं कर रहे सुनवाई
ग्रामीणों का कहना है कि बीते दो महीने से वो सड़क को खुलवाने के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।
बीमार लोगों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।ग्रामीणों में अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ आक्रोश है। उनका कहना है कि हुक्मरानों और नेताओं को पहाड़ की सुंदरता तो भाती है लेकिन उन्हें पहाड़ की समस्याएं नहीं दिखतीं।
सड़क खुलवाने के लिए दो अक्टूबर को करेंगे सत्याग्रह
सड़क बंद होने के कारण लोग जहां एक ओर मंहगाई से परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर बीमारी में प्राथमिक चिकित्सा के लिए भी किमी पैदल जाने के लिए मजबूर हैं। जिस के परेशान होकर लोगों में सड़क को खुलवाने के लिए सत्याग्रह का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क को खोलने की मांग को लेकर वो दो अक्टूबर को सत्याग्रह करेंगे।
इसको लेकर यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष डीडीहाट विक्रम दानू ने जनता को साथ लेकर मुनस्यारी तहसील में सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में सीएम धामीू और कुमाऊं आयुक्त के साथ ही एसडीएम को भी पत्र भेज दिया है।
जिले की 10 सड़कें अब भी हैं बंद
पिथौरागढ़ जिले की 10 सड़कें मलबा और बोल्डर गिरने से अब भी बंद हैं। जिस कारण जिले की 25,000 से अधिक की आबादी प्रभावित हुई हैं। बांसबगड़-कोटा पंद्रपाला, तवाघाट-ठानीधार, कालिका-खुमती, छिरकिला-जम्कू, मदकोट-तोमिक, डोर-सैंणराथी, आदिचौरा-कुनिया, डीडीहाट-आदिचौरा हुनेरा, सोबला-दर तिदांग और देवदार-बारमों सड़क शामिल हैं।
सड़कें बंद होने के कारण लोगों को जरूरी सामान या तो घोड़ों-खच्चरों पर लादकर ले जाना पड़ रहा है या फिर खुद ही सिर पर ले जाना पड़ रहा है। सड़क बंद होने से जहां एक ओर लोगों को रोजमर्रा के सामान के लिए भी तरसना पड़ रहा है तो वहीं गैस सिलिंडर 200 से 300 रूपए ज्यादा चुकाने पर मिल रहा है।