बदरीनाथ धाम में इन दिनों मास्टर प्लान के तहत पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें ठेकेदारों की लापरवाही भी देखने को मिल रही है। मंगलवार शाम को धाम में कार्य कर रही कंपनी की लापरवाही के चलते एक मकान देखते ही देखते अलकनंदा नदी में समा गया। गनीमत रही की कोई जनहानि नहीं हुई।
मास्टर प्लान के तहत पुनर्निर्माण कार्यों में लापरवाही के आरोप
ग्रामीणों ने निर्माण के कार्यों के दौरान कार्यदायी संस्था पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। लोगों का कहना है कि संस्था के द्वारा अलकनंदा नदी के किनारे सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं कराया गया है। अगर दीवार बनाई होती तो मकान गिरने से बच सकता था। ग्रामीणों का कहना है कि धाम में अलकनंदा नदी के तट पर निर्मित कई मकान और धर्मशालाएं अभी भी खतरे की जद में है।
ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था को ठहराया जिम्मेदार
जानकारी के मुताबिक क्षतिग्रस्त हुए भवन के स्वामी राजेंद्र के मुताबिक इन दिनों प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मास्टर प्लान के तहत अलकनंदा नदी के किनारे सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए कटिंग की गई है। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा कि कंपनियों के द्वारा सुरक्षा दीवार का कार्य नहीं किया गया। जिस वजह से उनका मकान खतरे की जद आकर नदी में समा गया।