आजकल समय से पहले प्रसव (Premature Delivery) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से ये एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है क्योंकि मां अब अपने बच्चे को नौ महीने कोख में नहीं पाल पा रही। जिस वजह से नवजात में पूरे अंग विकसित नहीं हो पाते है और उसे सर्वाइव करने में कई परेशानियां आती है। दरअसल हाल ही में देहरादून के जिला चिकित्सालय समेत कई अस्पतालों से समय से पहले हो रहे प्रसव के मामले बढ़ रहे हैं। चिकित्सकों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है।
समय से पहले जन्म ले रहे बच्चे
देहरादून के अस्पतालों से मिल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब यहां नवजात बच्चों का समय से पहले जन्म लेना एक आम ही बात हो गई है।अब बच्चे नौ के बजाय सात महीने में ही पैदा हो रहे हैं। इसे PRE MATURE DELIVERY कहा जाता है और ऐसे बच्चों को PREEMIES।
HUMAN FETUS के लिए प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के 34 -37 WEEK काफी ज्यादा क्रुशियल होते हैं क्योंकि इस दौरान ही उनकी बॉडी के कुछ अंग पूरी तरह से ग्रो करते हैं। जिनमें ब्रेन और लंग्स(lungs) भी शामिल हैं। लंग्स गर्भ में डेवलप होने वाला सबसे आखिरी पार्ट है। यही कारण है कि कई premature baby अपने पहले महीने में ventilator में रहते हैं।
Preemies को और भी कई सारे health issues हो सकते हैं। जैसे Learning Disability और Physical Disability।
इसके अलावा दुनियाभर में नवजात बच्चों की मौत का सबसे बड़ी और आम वजह Premature Delivery ही है।
Premature Delivery की वजह?
Premature Baby होने के कई reason हो सकते हैं।
- जो महिलाएं बार बार गर्भधारण करती हैं उनमें समय से पहले प्रसव का सबसे ज्यादा खतरा होता है।
- अगर महिलाओं को किडनी और दिल में कोई बिमारी या फिर डायबेटिज (Diabetes) हो या फिर High BP की समस्या हो, उनमें में भी समय से पहले प्रसव का खतरा रहता है।
- जिन महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान खून की कमी और urine infection होता है, वो भी समय से पहले प्रसव पीड़ा का शिकार हो जाती हैं।
- महिलाओं की अव्यवस्थित जीवनशैली भी पहले प्रसव का कारण बन सकती है।
अव्यवस्थित जीवनशैली भी है कारण
आजकल महिलाएं कामकाजी हैं और अपनी सेहत का खास ध्यान नहीं रख पातीं। जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अलावा, तनाव, खराब खानपान, अस्वस्थ दिनचर्या और कम नींद भी इन समस्याओं को बढ़ा रही हैं।
देहरादून के जिला अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि हर रोज ओपीडी में आने वाली 150 गर्भवतियों में से करीब 15 महिलाएं ऐसी होती हैं। जो समय से पहले प्रसव पीड़ा से जूझती हैं। यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। अगर आपको Premature Delivery से बचना है तो अपना ध्यान रखे, Balanced Diet खाएं। साथ ही अपना रेगुलर हेल्थ चेकअप भी करवाते रहे।