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उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने शुक्रवार को कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार को घेरा है। प्रेस वार्ता कर कांग्रेस ने कहा की आज देश के बड़े उद्योगपतियों की संपत्ति तेजी से बढ़ रही है लेकिन किसानों की आय दो गुनी करने का वायदा मोदी सरकार अभी तक पूरा नही कर पाई।
मोदी सरकार किसानों को नहीं उद्योगपतियों को पहुंचा रही लाभ
केंद्र सरकार पर तंज कस्ते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि भाजपा के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी के शिगूफे और उद्योगपति अडानी की बेतहाशा बढ़ती संपत्ति के जिम्मेदार केंद्र सरकर है। देश के उद्योगपति मालामाल हो रहे है लेकिन किसानो कि रोजी रोटी संकट से घिरी हुई है। फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के बरेली में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वायदा किया गया था पर किसानों की आय दोगुनी होने के बजाय किसानों की रोज़ाना की आमदनी महज़ 27 रूपये रह गई है जबकि अडानी की संपत्ति 100 गुना से ज़्यादा हो गई है।
अभय दुबे ने तंज कसते हुए कहा की अडानी 602 नंबर से सीधा दूसरे नंबर पर आ गए हैं इसका सीधा मतलब है कि केंद्र सरकार ने अडानी को अनैतिक लाभ पहुंचाया है। जिसके लिए कांग्रेस खुलासे कि मांग करती है। लिहाज़ा यह तमाम बातों से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य और व्यवहार में ज़मीन आसमान का फ़र्क है।
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विपक्ष ने की जेपीसी की मांग
अभय दूबे ने पूछा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग की जांच कराने पर सहमति व्यक्त करती है तो अडानी पर लगे आरोपों की जेपीसी जांच में क्या दिक्कत है जबकि पूर्व में शेयर बाजार से जुड़े हर्षद मेहता और केतन पारिख कांड में जेपीसी जांच का उदाहरण हमारे सामने है।
जेपीसी क्या होती है?
संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी संसद की वह समिति होती है, जिसमें सभी पार्टियों की बराबर भागीदारी होती है। जेपीसी को यह अधिकार मिला होता है कि वह किसी भी व्यक्ति, संस्था या किसी भी उस पक्ष को बुला सकती है और उससे पूछताछ कर सकती है, जिसको लेकर उसका गठन हुआ है। अगर वह व्यक्ति, संस्था या पक्ष जेपीसी के समक्ष पेश नहीं होता है तो यह संसद की अवमानना माना जाएगा। इसके बाद जेपीसी संबंधित व्यक्ति या संस्था से इस बाबत लिखित या मौखिक जवाब या फिर दोनों मांग सकती है।